बदमाशों को उक्त रायफल मुहैया कराने में हथियार तस्कर शमशेर का हाथ बताया जा रहा है। मुजफ्फरपुर पुलिस के इनपुट पर मुंगेर पुलिस पूछताछ कर रही है। शमशेर ने औरंगाबाद, धनबाद, बोकारो के उन छह-सात सफेदपोशों के नाम भी बताए हैं, जिन्होंने उससे एके-47 खरीदी हैं। जानकारी के अनुसार जबलपुर की टीम भी मुंगेर पुलिस के सम्पर्क में है। कुछ और खुलासे की उम्मीद है। गौरतलब है कि सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो (सीओडी) से पाट्र्स के रूप में चुराई गईं एके-47 रायफलों के मामले में कुछ सैन्य अफसरों के भी शामिल होने की बात सामने आई है।
ये है घटना
समीर कुमार लोकसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे। रविवार शाम साढ़े छह बजे वे मुजफ्फरपुर में अखाड़ाघाट स्थित अपने होटल से कार से बांध रोड होते हुए निकले थे। फायर ब्रिगेड कार्यालय से आगे अपराधियों ने उनकी कार को घेर कर समीर कुमार को एक दर्जन से अधिक गोलियां मारी। चालक को भी करीब इतनी ही गोली लगी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। मुजफ्फरपुर पुलिस कारतूस के आधार पर एके-47 रायफल से हत्या की पुष्टि की। उसके बाद शमशेर से पूछताछ जारी है। मुंगेर पुलिस की गिरफ्त में आए बरदह निवासी हथियार तस्कर शमशेर ने कुछ एके-47 रायफल तेलंगाना में नक्सलियों को बेची है। इसका खुलासा होने के बाद तेलंगाना पुलिस टीम रविवार को उससे पूछताछ करने मुंगेर पहुंची।
सीओडी से एके-47 रायफल चोरी कर आतंकी-नक्सलियों को बेचने का मामला नक्सलियों, आतंकियों के साथ बदमाशों व सफेदपोशों में एके-47 रायफल का क्रेज अनायास नहीं है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक एके-47 रायफल की अचूक फायरिंग और एक मैगजीन में 36 से लेकर 47 कारतूस लोड होने से एक बदमाश भी दस से 12 लोगों पर भारी पड़ सकता है।