scriptभागवत गीता की इन बातों को मानेंगे तो होगी पैसों की बारिश, हर काम में होंगे सफल | bhagwat geeta ka gyan in hindi | Patrika News
जबलपुर

भागवत गीता की इन बातों को मानेंगे तो होगी पैसों की बारिश, हर काम में होंगे सफल

भागवत गीता की इन बातों को मानेंगे तो होगी पैसों की बारिश, हर काम में होंगे सफल

जबलपुरMay 21, 2018 / 12:45 pm

Lalit kostha

bhagwat geeta ka gyan in hindi

bhagwat geeta ka gyan in hindi

जबलपुर। पुरुषोत्तम मास में पूजन पाठ और भागवत कथा का श्रवण करना श्रेष्ठ माना गया है। यही वजह है कि संस्कारधानी जबलपुर समेत अन्य क्षेत्रों में इन दिनों जगह जगह धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन हो रहा है। श्रीराम मंदिर शांतिनगर में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। इसमें प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण के मुखारबिंद से निकले शब्दों और श्लोकों का महत्व आचार्य सचिनदेव महाराज द्वारा बताया जा रहा है।

उन्होंने कथा में कर्म और जीवन में सफलता की महत्ता बताते हुए मौजूद श्रावकों से कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का कुरुक्षेत्र में कहा गया हर वाक्य अकाट्य सत्य है। वे स्वयं ईश्वर हैं, उन्होंने मानव मुक्ति के मार्ग को श्रीमद भागवत गीता में उल्लेखित किया है। सफलता और विफलता के कारणों को बहुत ही सहज भावों से समझाया है। यदि उनके कहे वाक्यों का अनुसरण किया जाए तो कोई भी व्यक्ति असफल नहीं होगा और धन धान्य से परिपूर्ण रहेगा।

bhagwat geeta ka gyan in hindi
IMAGE CREDIT: lali koshta

श्रीमद्भागवत गीता न केवल धर्म का उपदेश देती है, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाती है। महाभारत के युद्ध के पहले अर्जुन और श्रीकृष्ण के संवाद लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। गीता के उपदेशों पर चलकर न केवल हम स्वयं का, बल्कि समाज का कल्याण भी कर सकते हैं। आचार्य सचिनदेव महाराज बताते हैं कि महाभारत के युद्ध में जब पांडवों और कौरवों की सेना आमने-सामने होती है तो अर्जुन अपने बुंधओं को देखकर विचलित हो जाते हैं। तब उनके सारथी बने श्रीकृष्ण उन्हें उपदेश देते हैं। ऐसे ही वर्तमान जीवन में उत्पन्न कठिनाईयों से लडऩे के लिए मनुष्य को गीता में बताए ज्ञान की तरह आचरण करना चाहिए। इससे वह उन्नति की ओर अग्रसर होगा।

bhagwat geeta ka gyan in hindi

इन बातों से मिलेगी सफलता –

क्रोध पर नियंत्रण – गीता में लिखा है क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाते हैं। जब तर्क नष्ट होते हैें तो व्यक्ति का पतन शुरू हो जाता है।

नजरिया से बदलाव- जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही है। इससे वह इच्छित फल की प्राप्ति कर सकता है।

मन पर नियंत्रण आवश्यक- मन पर नियंत्रण करना बेहद आवश्यक है। जो व्यक्ति मन पर नियंत्रण नहीं कर पाते, उनका मन उनके लिए शत्रु का कार्य करता है।

आत्म मंथन करना चाहिए- व्यक्ति को आत्म मंथन करना चाहिए। आत्म ज्ञान की तलवार से व्यक्ति अपने अंदर के अज्ञान को काट सकता है। जिससे उत्कर्ष की ओर प्राप्त होता है।

सोच से निर्माण- मुनष्य जिस तरह की सोच रखता है, वैसे ही वह आचरण करता है। अपने अंदर के विश्वास को जगाकर मनुष्य सोच में परिवर्तन ला सकता है। जो उसके लिए काल्याणकारी होगा।

कर्म का फल- गीता में भगवान कहते हैं मनुष्य जैसा कर्म करता है उसे उसके अनुरूप ही फल की प्राप्ति होती है। इसलिए सदकर्मों को महत्व देना चाहिए।

मन को ऐसे करें नियंत्रित- मन चंचल होता है, वह इधर उधर भटकता रहता है। लेकिन अशांत मन को अभ्यास से वश में किया जा सकता है।

सफलता प्राप्त करें- मनुष्य जो चाहे प्राप्त कर सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे तो उसे सफलता प्राप्त होती है।

तनाव से मुक्ति- प्रकृति के विपरीत कर्म करने से मनुष्य तनाव युक्त होता है। यही तनाव मनुष्य के विनाश का कारण बनता है। केवल धर्म और कर्म मार्ग पर ही तनाव से मुक्ति मिल सकती है।

ऐसे करें काम- बुद्धिमान व्यक्ति कार्य में निष्क्रियता और निष्क्रियता देखता है। यही उत्तम रूप से कार्य करने का साधन है।

Hindi News / Jabalpur / भागवत गीता की इन बातों को मानेंगे तो होगी पैसों की बारिश, हर काम में होंगे सफल

ट्रेंडिंग वीडियो