जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म एक के बाहर लगाया गया रेल इंजन भी एक धरोहर है। शहर में शुक्रवार को सेना में भर्ती होने आए युवाओं ने इस इंजन के साथ फोटोग्राफी कराई। रात में भी ये रेल इंजन आकर्षण का प्रमुख केंद्र होता है। इसी प्रकार शहर की अन्य धरोहरों को देखने के लिए बाहर के लोग आते हैं। अंग्रेजों के जमाने के होटल और प्रमुख इमारतों को देखने वाले लोग बीते दौर की नक्काशी से आकर्षिंत होते हैं। शहर में धार्मिक संस्थान भी पुरातात्विक महत्व के हैं। इन विरासतों की विश्व व्यापी पहचान है और देश-विदेश के लोग देखने आते हैं।
घंटाघर का जीर्णोद्धार
छोटी ओमती के समीप घंटाघर विरासतों में शामिल है। इसे सहेजने के लिए मरम्मत कराई गई है। घड़ी को भी सुधारा गया है। जो भी उधर से गुजरता है, उसकी नजर घंटाघर पर जरुर पहुंचती है। रात की रोशनी में घंटाघर की घड़ी और आकर्षक दिखती है।
प्रमुख विरासत
– मदन महल किला
– हाईकोर्ट, जबलपुर
– विक्टोरिया अस्पताल, लाल बिल्डिंग
– रायल होटल
– घंटाघर
– विष कन्या बावली, शास्त्रीनगर
– नगर निगम की बिल्डिंग
– गोकुल दास, धर्मशाला
धरोहर हैं धार्मिक स्थल
– 64 योगिनी मंदिर, भेड़ाघाट
– त्रिपुर सुंदरी मंदिर, तेवर
– मक्रवाहिनी मंदिर पान दरीबा
– गुरुद्वारा, ग्वारीघाट
– बादशाह हलवाई मंदिर
– राधाकृष्ण मंदिर लम्हेटाघाट
– पचमठा मंदिर अधारताल
– बाजनामठ मंदिर, मेडिकल रोड
– मदन महल दरगाह
– कचहरी दरगाह
– जामा मस्जिद, मंडी मदार टेकरी
– ईदगाह कलां रानीताल
– क्राइस्ट चर्च
– सिटी मेथोडिस्ट चर्च
– सेंट पीटर एंड पॉल चर्च
– डिसाइपल चर्च