जबलपुर. आरक्षण नियमों का ध्यान रखे बिना जिला सहकारी केंद्रीय बैंक जबलपुर में सहायक समिति प्रबंधक से लेकर समिति प्रबंधक के पद पर हुई नियुक्ति की प्रक्रिया को कलेक्टर ने निरस्त कर दिया है। इस प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया। इस मामले में जांच समिति की रिपोर्ट बाद दोषी पाए गए पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं दो अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं।
भर्ती प्रक्रिया के तहत सहकारिता विभाग ने इस वर्ष 14 मार्च को नियुक्ति आदेश जारी किए। इन पदों पर 27 उमीदवारों का चयन कर नियुक्ति प्रदान कर दी गई थी। लेकिन प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका को ध्यान में रखते हुए कई लोगों ने इसकी शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जांच कमेटी का गठन किया था। तीन सदस्यीय कमेटी ने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई। कलेक्टर सक्सेना ने बुधवार को भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया। जल्द पुन: नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर सक्सेना ने कार्यवाही की। सहकारी विभाग के निरीक्षक आशीष शुक्ला को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए है। उनके अलावा तत्कालीन वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक प्रशांत कौरव, संभागीय संयुक्त आयुक्त सहकारिता पीके सिद्धार्थ, स्थापना प्रभारी सुभाष पचौरी, तत्कालीन मुय कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, जबलपुर देवेन्द्र कुमार राय को निलंबित कर विभागीय जांच प्रस्तावित की गई है।
दो अन्य अधिकारी भी जांच के दायरे में इस मामले में तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जबलपुर अखिलेश निगम एवं तत्कालीन सहायक प्रबंधक चंद्रशेखर पटले पर कार्यवाही की अनुशंसा की गई है। इन्होंने आवेदकों की पात्रता का परीक्षण किया गया। लेकिन उक्त अधिकारियों द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन ठीक प्रकार से नहीं किया गया। दोनों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव कमिश्नर भोपाल संभाग को भेजा गया है। उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किया गया है।