बैंक से ली गई रकम नहीं चुकाई
1994 में बैंक से ली गई रकम कर्जदार ने नहीं चुकाई तो वह इन चौबीस सालों में 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सहित 2.47 करोड़ रुपए हो गया। रकम वसूली के लिए जब मूल कर्जदार पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया तो उसकी जमानत लेने वाले सेना के रिटायर्ड कै प्टन को गिरफ्तार कर शुक्रवार को ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) जबलपुर के समक्ष पेश किया गया। आरोपी ने पांच लाख रुपए जमा किए, साथ ही हर दो माह में ५-५ लाख चुकाने का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर डीआरटी ने उसे जमानत पर रिहा किया। 1994 में भोपाल निवासी लखनलाल दुबे ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 5.45 लाख रुपए लोन लिया था। बतौर गारंटर कमालखेड़ी, बाबई जिला होशंगाबाद निवासी तत्कालीन आर्मी कैप्टन नरेंद्र पांडे ने लखनलाल के कर्ज की जमानत ली थी। प्रतिवर्ष18 प्रतिशत ब्याज की दर से कर्ज की राशि लगातार बढ़ते-बढ़ते 2018 तक दो करोड़ 47 लाख रुपए हो गई तो मामला ऋण वसूली अधिकरण जबलपुर के समक्ष पेश किया गया। डीआरटी ने 29 लाख रुपए तय करते हुए इसकी वसूली के निर्देश दिए। इसके बावजूद भी कर्जदार दुबे व जमानतदार कैप्टेन पांडे ने कर्ज की रकम लौटाने के कोई प्रयास नहीं किए। इस पर आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।