आपको बता दें कि, इस महालड्डू को बनाने में शुद्ध देशी घी, मावा और सूखे मेवे का इस्तेमाल किया गया है। महाप्रसादम तैयार होने के बाद इसकी सुंदर ढंग से काजू और किशमिश से सजावट भी की गई है। आज हनुमान जंयती के अवसर पर हनुमान के प्रतिमा का पूजन अर्चन करने के बाद महालड्डू का भोग लगाया जाएगा और फिर इसे भक्तों को प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाएगा। यही नहीं, यहां भगवान हनुमान के प्रकट उत्सव के अवसर पर 11 हजार दीप प्रज्वलित किए जाएंगे और 5 हजार लोगों के लिए भोजन भी तैयार किया जाएगा। ये सभी तैयारियां मंदिर में आने वाले भक्तों के द्वारा की गई हैं।
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हनुमान दर्शन से मिलती नई ऊर्जा और मन को शांति
मंदिर में अनवरत श्री मानस पाठ चल रहा है और भगवान हनुमान को उनके आराध्य भगवान राम की कथा सुनाई जा रही है। सैकड़ों साल पहले इस मंदिर का निर्माण किया गया था, तभी से इस मंदिर में पूजन अर्चन का क्रम चल रहा है। बीते एक दशक से हनुमान के प्रकट उत्सव पर महालड्डू का निर्माण किया जाता है। ये परंपरा आज भी कायम है। मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि, हनुमान के दर्शन करने से ही मन को शांति मिलती है और नई ऊर्जा का संचार भी होता है, इसलिए इस मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है।