जबलपुर। कई तरह की बीमारियों को खत्म करने की सबसे बेहतर और कारगर औषधि है गुग्गुल। यह एक पेड़ की प्रजाती है। इसकी छाल से जो गोंद निकलती है उसे गुग्गुल कहा जाता है। इस गोंद के इस्तेमाल से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हो। गुग्गुल एक तरह का छोटा पेड है इसकी कुल उंचाई 3 से 4 मीटर तक होती है। यह सेहत के लिए बेहद उपयोगी होता है। आइये जानते हैं इसके फायदे। मोटापा: गर्मं पानी में गुग्गुल मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से मोटापा घटने लगता है। पेट की सूजन: गुड़ के साथ गुग्गुल मिलाकर दिन में तीन बार रोज खाएं। नियमित करने से पेट की सूजन ठीक होने लगती है। मुंह संबंधी समस्याएं: गुग्गुल को पानी में घोलकर दिन में तीन बार गरारे व कुल्ला करने से मुंह के अंदर के छाले, जलन और घाव आदि ठीक हो जाते हैं। गंजेपन से मुक्ति: सिरके को गुग्गुल के साथ अच्छे से घोटकर लेप बना लें और सुबह शाम रोज इसे सिर पर जहां गंजापन हो वहां लगाएं। इससेे धीरे-धीरे बाल उगने लगते हैं। ये भी पढ़ें: ये है वह असली कला, जिससे फिल्म में उड़ते हुए दिख रहे हैं टाइगर-श्रद्धा हड्डियों के लिए: हड्डियों की सूजन व चोट व दर्द होने पर गुग्गुल का सेवन करना चाहिए। यह हड्डियों की परेशानियों में राहत देता है। घुटने का दर्द: घुटने के दर्द को दूर करने के लिए 20 ग्राम गुड़ में 10 ग्राम गुग्गुल को मिलाकर अच्छे से पीस लें और इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें। कुछ दिनों तक 1-1 गोली सुबह शाम घी के साथ लें। दमा रोग: दमा से परेशान लोगों को घी के साथ एक ग्राम गुग्गुल को मिलाकर सुबह-शाम लेने से फायदा मिलता है। कान की समस्या: कान में यदि कीड़ा चला गया हो तो गुग्गुल को जलाकर उसका धुंआ कान में लें। ऐसा करने से कान के अंदर के कीड़े खत्म हो जाते हैं। थायराइड: यह थायराइड की समस्या दूर करता है। यह शरीर से कैलोरी को जलाता है जिससे थायराइड की समस्या दूर होती है। गुग्गुल का नियमित सेवन से कोलेस्ट्रोल 2 से 3 महीने में घट जाता है। जोड़ों के दर्द: जिन लोगों को जोड़ों की समस्या है वे गुग्गुल का सेवन जरूर करें। यह जोड़ों के दर्द से निजात दिलाता है। साथ ही साथ जोड़ों के लचीलेपन को भी ठीक रखता है। सावधानी: गुग्गुल का सेवन जरूरत से ज्यादा नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं जैसे सूजन, दस्त, बेहोशी और कमजोरी आदि। गुग्गुल की तासीर गर्म होती है इसलिए जब भी इसका प्रयोग करें तो खट्टी चीजों, तेज मसालेदार भोजन का प्रयोग अनुपयोगी बताया गया है।