नर्व-इम्पल्स के ट्रांसमिशन को रोका जाता है
शरीर के किसी एक हिस्से को शून्य किया जाता है तो उसे रीजनल या लोकल एनेस्थिसिया कहा जाता है। इन सभी विधियों में विशेष दवा द्वारा नर्व-इम्पल्स के ट्रांसमिशन को रोका जाता है। जिससे मरीज को दर्द महसूस नहीं होता है। ओटी के अलावा दर्द प्रबंधन , आईसीयू, सर्जिकल आईसीयू सहित अन्य विभाग विशेषज्ञों के पास ही होते हैं। नॉन सर्जिकल प्रोसिजर जैसे हार्ट की जांच, सीटी स्केन, एमआरआई, इंडोस्कोपी में भी निश्चेतना विशेषज्ञ महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करते हैं।
सबसे अत्याधुनिक तकनीक
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मयंक चंसौरिया के अनुसार निश्चेतना सबसे एडवांस तकनीक है। सर्जरी के साथ ही आईसीयू में व पैन मेनेजमेंट में इसका अहम रोल है। स्लिप डिस्क, कम दर्द हो या कैंसर जैसे असहनीय दर्द इनने राहत देने में निश्चेतना की महत्वपूर्ण भूमिका है।
शरीर के किसी एक हिस्से को शून्य किया जाता है तो उसे रीजनल या लोकल एनेस्थिसिया कहा जाता है। इन सभी विधियों में विशेष दवा द्वारा नर्व-इम्पल्स के ट्रांसमिशन को रोका जाता है। जिससे मरीज को दर्द महसूस नहीं होता है। ओटी के अलावा दर्द प्रबंधन , आईसीयू, सर्जिकल आईसीयू सहित अन्य विभाग विशेषज्ञों के पास ही होते हैं। नॉन सर्जिकल प्रोसिजर जैसे हार्ट की जांच, सीटी स्केन, एमआरआई, इंडोस्कोपी में भी निश्चेतना विशेषज्ञ महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करते हैं।
सबसे अत्याधुनिक तकनीक
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मयंक चंसौरिया के अनुसार निश्चेतना सबसे एडवांस तकनीक है। सर्जरी के साथ ही आईसीयू में व पैन मेनेजमेंट में इसका अहम रोल है। स्लिप डिस्क, कम दर्द हो या कैंसर जैसे असहनीय दर्द इनने राहत देने में निश्चेतना की महत्वपूर्ण भूमिका है।