शातिर ठग भाई और दोस्त के साथ मिलकर 2016 से 7 साल तक परिवार को ठगता रहा। भूतों के रहने के लिए 45 लाख रुपए का घर खरीदवाया। फिर भूतों के घूमने के लिए 40 लाख की गाड़ी भी खरीदवाई।
एक करोड़ गंवाने के बाद परिवार को शक हुआ
एक करोड़ गंवाने के बाद परिवार को शक हुआ तो गोराबाजार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जालसाजों के साथी सचिन उपाध्याय को जेल भेजा। हालांकि ठगी का मास्टरमाइंड 10वीं पास शांतिनगर का अरुण दुबे और उसका छोटा भाई वरुण फरार है।हर दिन नई कहानी
जबलपुर में अंधविश्वास में ठगी के खेल की शुरुआत 2016 में हुई। अनंतारा के रिटायर्ड अफसर गुलाबचंद के परिवार को ठग अरुण और वरुण ने झांसे में लिया। दोनों भाई दोस्त सचिन उपाध्याय के साथ मिलकर परिवार को रोज नई कहानी गढ़कर सुनाते थे। त्रिदंडी स्वामी से सीधा संवाद का हवाला देकर खेलते थे। ठगों ने परिवार के घर और जमीनों पर 14 भूतों का साया होने की कहानी गढ़ी। भूतों को निकालने के लिए नए ठिकाने का दबाव बना गुलाबचंद के खरीदे 45 लाख रुपए का मकान दान में ले लिया और कहा भूत वहां शिफ्ट हो रहे हैं। वे फिर न आ जाएं, इसलिए 40 लाख रुपए की एसयूवी खरीदवाई।
ऐसे बनाया ‘भय का भूत’
- ठगों ने पहले कहा- घर और जमीन पर 14 भूतों का साया है
- उन्हें निकालने के लिए लाखों ठगे
- फिर नई कहानी गढ़ी और कहा
- परिवार में समृद्धि लाने एक बेटे को कंपनी का पार्टनर बनाकर दुबई में बिजनेस शुरू करने के दावे किए।
- भूत की थ्योरी कमजोर पड़ी तो, परिवार के सदस्यों पर अकाल मौत का डर दिखाकर रुपए ऐंठे।
- त्रिदंडी स्वामी की कहानी से जमीन के नीचे खजाना होने का दावा कर तंत्र-मंत्र कर ऐंठे रुपए।