तेजी से हो रहा विस्तार डुमना क्षेत्र में तेजी से विस्तार होने के साथ ही कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी स्थापित हो चुके हैं। लेकिन विभागों एवं अफसरों की लापरवाही के चलते आधे हिस्से की सडक़ सालों से फंसी हुई है। कभी पैसों की तंगी तो कभी जमीन की मांग कर इस प्रोजेक्ट पर अड़ंगा लगाया जा रहा है। इसे पूरा करने के लिए न तो जिला प्रशासन, रक्षा विभाग को किसी भी तरह की चिंता है। राजस्व विभाग इस बात का भी आश्वासन नहीं दे पा रहा है कि वह जमीन के बदले जमीन उपलब्ध करा देगा।
कई शैक्षणिक संस्थान डुमना में डुमना में कई से उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थान स्थापित हुए हैं। डुमना से लगे गधेरी में ज्यूडिशरी अकादमी का निर्माण किया जा रहा है तो वही ट्रिपल आईटीडीएम, स्टेट फूड क्राफ्ट एंड साइंस इंस्टीट्यूट, डुमना स्थित फॉरेंसिक लैब, डुमना नेचर पार्क, आर्मी एरिया, नेहरा कंपनी के साथ ही रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी, कुछ निजी शिक्षण संस्थान हैं। इन संस्थानों में देश-विदेश से वैज्ञानिक, विशेषज्ञ प्राध्यापक छात्र शैक्षणिक अध्ययन के लिए आते हैं।
जमीन दो तभी अनुमति डिफेंस एरिया की करीब 4 हैक्टेयर भूमि फोर लेन निर्माण में आने के कारण इस पर रोक लगाकर रखी गई है। रक्षा मंत्रालय ने इसके एवज में इतनी ही भूमि प्रशासन से मांगी है। जिला प्रशासन अब तक भूमि की व्यवस्था नहीं कर सका है।
ऐसे अटका काम
●आधा निर्माण के बीच लगी रोक ●जमीन के बदले पहले मांगी राशि ●जमीन के बदले फिर जमीन की मांग ●विभागों के बीच फंसा मामला ●निर्माण एजेंसी ने काम समेटा
●आधा निर्माण के बीच लगी रोक ●जमीन के बदले पहले मांगी राशि ●जमीन के बदले फिर जमीन की मांग ●विभागों के बीच फंसा मामला ●निर्माण एजेंसी ने काम समेटा
निर्माण एजेंसी ने काम बंद किया : निर्माण एजेंसी ने भी काम बंद कर दिया है। तीन सालों से यह मामला अटका हुआ है। जिसके चलते डुमना रोड का एक हिस्सा फोर लेन है तो एक हिस्सा पगडंडी की तरह सिंगल लेन बनकर रह गया है। कागजों में पनागर से लेकर बिलहरी, तिलहरी के पास जगह की तलाश सालों से चल रही है।
नेहरा बटालियन से लगी जमीन का दावा : रक्षा विभाग ने कहा है कि दस किमी के हिस्से में नेहरा बटालियन एवं सीओडी की ओर की लगी जमीन रक्षा मंत्रालय के अधीन है। वहीं दूसरी और लोक निर्माण विभाग का कहना है कि फोर लेन सडक़ का निर्माण प्रशासन के क्लीयरेंस पर शुरू हुआ।