जबलपुर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जा रहा है। इसके लिए काफी दिनों पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। नई शिक्षा नीति में देश में योग शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। कक्षा 6 से दसवीं तक की किताबों में योग को शामिल किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव ने इस बारे में संकेत दिए हैं। इसी उपलक्ष्य में हम आपको योग के जनक महर्षि पतंजलि के बारे में कुछ रोचक बाते बता रहे हैं। 1. पतंजलि महान चिकित्सक थे और इन्हें ही चरक संहिता का प्रणेता माना जाता है। पतंजलि रसायन विद्या के विशिष्ट आचार्य थे- अभ्रक सहित धातुयोग और लौहशास्त्र इनकी देन है। ये भी पढ़ें: संत ‘कबीरदास’ ने रखा था इस TOURIST प्लेस का नाम, यहां बना है उनका घर 2. पतंजलि ईसा की दूसरी शताब्दी में काशी में थे। इनके महान ज्ञान की वजह से यहां के लोग इन्हें शेषनाग का अवतार मानते थे। आज भी नागपंचमी और श्रावण मास में यहां इनकी तस्वीरों का वितरण व पूजन किया जाता है। 3. महान राजा भोज ने इन्हें तन के साथ मन का भी चिकित्सक कहा है। ये व्याकरणाचार्य पाणिनी के शिष्य थे। ये अल्पायु से ही विलक्षण प्रतिभाओं से युक्त बताए जाते हैं। ये भी पढ़ें: सीरियल में नही मिलेंगे देखने सम्राट ‘अशोक’ के ये 5 रहस्य, यहां पढ़ें… 4. पतंजलि ने योग को आठ भागों (नियमों) में बांटा है जिसे अष्टांग योग कहते हैं। महर्षि के अनुसार “योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:” यानी मन की इच्छाओं को संतुलित बनाना योग कहलाता है। 5. किंवदंतियों के अनुसार उनके पिता अंगीरा हिमालय के और माता गोणिका कश्मीर के निवासी थे। महर्षि पतंजलि का जन्म 250 ईसा पूर्व माना जाता है परंतु इनके जन्म को लेकर अनेक विवाद हैं। ये भी कहा जाता है कि एक महिला की अंजलि ने गिरने की वजह से इनका नाम पतंजलि पड़ा।