एनएच-7 पर हुए सबसे अधिक हादसे
जिले में एक साल में सबसे अधिक हादसे एनएच-7 पर हुए। सिहोरा से बरगी के बीच एक वर्ष में 300 से अधिक हादसे हुए। इनमें 50 लोगों की जान गई। हादसों का एक कारण ग्रामीण क्षेत्रों से जुडऩे वाले सम्पर्क मार्ग के टी-प्वाइंट और जगह-जगह बनाए गए डायवर्सन प्वाइंट को माना जा रहा है। ट्रैफिक डीएसपी मयंक सिंह ने बताया कि चिह्नित की गई खामी को दूर करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
ये है स्थिति
2019 में सडक़ हादसे-3614
घायल हुए-3413
मृतक-410
…………
2018 में हादसे-3419
घायल हुए-3166
मृतक -374
अब ये प्रयास करेंगे
– नशे में वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई
– शहर और ग्रामीण क्षेत्र के मुख्य मार्गों से जुडऩे वाली लिंक रोड पर ब्रेकर का निर्माण
– वाहनों की तकनीकी जांच कराई
– यातायात नियंत्रित करने के लिए संकेतक लगवाए
– वाहन चालकों की आंखों, स्वास्थ्य की जांच कराई
– घायलों की तत्काल मदद के लिए डायल-100, 108 को प्रभावी बनाया
– दो या दो से अधिक दुर्घटना में शामिल चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कराया
2019 में सडक़ हादसे
माह-कुल हादसे-मृतक-घायल
जनवरी-361-42-343
फरवरी-304-45-347
मार्च-280-35-283
अप्रैल-281-44-257
मई-246-27-264
जून-290-37-274
जुलाई-314-30-374
अगस्त-277-32-291
सितम्बर-228-23-230
अक्टूबर-291-28-317
नवम्बर-259-28-305
दिसम्बर-282-39-329
…वर्जन…
जिले में हुए हादसों में 80 प्रतिशत मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुई हैं। अधिकतर हादसे ग्रामीण और मुख्य सडक़ के सम्पर्क प्वॉइंट पर हुए हैं। 11 जनवरी से सडक़ सुरक्षा सप्ताह के आयोजन में इस खामी को दूर करने का प्रयास करेंगे। वाहन चालकों को जागरुक करने के लिए भी अभियान चलाएंगे।
अमृत मीणा, एएसपी, ट्रैफिक