जबलपुर. सेंट्रल जीएसटी के चार अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन पर जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। इस मामले में जबलपुर के अधारताल के एसडीएम के रीडर को भी नामजद किया गया, जिसे कलेक्टर ने निलम्बित कर दिया है। उधर, सेंट्रल जीएसटी की विजिलेंस टीम ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अुनसार सेंट्रल जीएसटी में अधीक्षक के पद पर पदस्थ मुकेश बर्मन, मनीष कोशरिया, सतीश रैकवार और राजेश बर्मन के जाति प्रमाण पत्र सहायक आयुक्त सतर्कता (सीजीएसटी) कार्यालय से एसडीएम अधारताल भेजे गए थे। इनके जाति प्रमाण पत्र वर्ष 1989 के बने हुए थे, जिन्हें सत्यापित करने में एसडीएम अधारताल शिवाली सिंह ने असमर्थता जता दी थी। तब सेंट्रल जीएसटी के चारों अधिकारियों ने एसडीएम के रीडर संजय पुराविया के माध्यम से फर्जी डिजिटल साइन और दस्तावेज के जरिए कूटरचित सत्यापन प्रमाण पत्र तैयार कर लिया। जिसे विभाग में जमा भी कर दिया। लेकिन हस्ताक्षर सहित कई अन्य जगह स्केन के निशान होने पर सीजीएसटी के विजिलेंस को संदेह हुआ तो इसकी पुष्टि के लिए फिर एसडीएम कार्यालय भेज दिया।
ऐसे खुला राज सीजीएसटी की विजिलेंस टीम फर्जी तरीके से सत्यापित प्रमाण पत्रों को लेकर एसडीएम कार्यालय सम्पर्क किया तो रीडर संजय पुराविया एसडीएम की व्यस्तता बताकर मामले को टालता रहा। यहां तक कि एसडीएम से नहीं मिलने दिया और न ही उनका नम्बर दिया। इससे संदेह गहरा गया। अंतत: विजिलेंस टीम एसडीएम शिवाली सिंह से मिलने में कामयाब हो गई। फर्जी सत्यापन पत्रों को देखकर एसडीएम चकरा गईं। उन्होंने रीडर पुराविया को बुलाकर पूछतांछ की और जावक रजिस्टर लाने को कहा, पहले तो वह टालता रहा पर कहीं से भी बचने की गुंजाइश न देख टूट गया और पूरी कहानी बयां कर दी।
पुराने दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर बनाया प्रमाण पत्र एसडीएम अधारताल कार्यालय द्वारा अधारताल थाने में दर्ज कराई गई एफआइआर के अनुसार सेंट्रल जीएसटी के चारों अधिकारियों ने रीडर पुराविया से मिलीभगत कर पुराने दस्तावेजों को स्केन कर चारों अधिकारियों के नाम दर्ज किए और सत्यापन बताते हुए एसडीएम के फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर पेस्ट कर दिए। जो रिकॉर्ड में साफ झलक रहा था। पुलिस ने सेंट्रल जीएसटी अधीक्षक मुकेश बर्मन, मनीष कोशरिया, सतीश रैकवार और राजेश बर्मन और एसडीएम के रीडर पुराविया के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने सहित कई अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है।
रीडर निलम्बित, जीएसटी अफसर फरार
बताया गया है कि सेंट्रल जीएसटी अफसरों के सम्पर्क में एसडीएम के रीडर पुराविया पहले से था। जिसे कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निलम्बित कर दिया है। वहीं, एफआइआर होते ही सेंट्रल जीएसटी अफसर फरार हो गए हैं।
बताया गया है कि सेंट्रल जीएसटी अफसरों के सम्पर्क में एसडीएम के रीडर पुराविया पहले से था। जिसे कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निलम्बित कर दिया है। वहीं, एफआइआर होते ही सेंट्रल जीएसटी अफसर फरार हो गए हैं।
अधारताल तहसील कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 संजय पुराविया ने सीजीएसटी के चार अधीक्षकों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से कूटरचित एवं कपटपूर्ण दस्तावेज तैयार कर जाति प्रमाण पत्र का फर्जी सत्यापन किया है। इस प्रकरण में उन्हें निलंबित किया गया है। सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। सेंट्रल जीएसटी को भी इस संबंध में पत्र लिखा जा रहा है।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर अधारताल एसडीएम की तरफ से अपने कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 एवं सेंट्रल जीएसटी के चार अधीक्षकों के खिलाफ उनके फर्जी डिजीटल हस्ताक्षर से जाति प्रमाण पत्रों के सत्यापन के मामले में शिकायत दी गई थी। इस मामले में पांचों के खिलाफ कई धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
प्रतीक्षा मार्को, थाना प्रभारी, विजय नगर