उन्होंने बताया कि करदाताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिए करदाता विस्तार एवं मित्रता अभियान चलाया गया था। इसी का परिणाम है कि संख्या में इजाफा हुआ। उन्होंने उम्मीद जताई कि मार्च के अंत तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का चालू वित्तीय वर्ष का कर संग्रहण लक्ष्य 27 हजार 844 करोड़ रुपए है। अभी तक करीब 14 हजार 960 करोड़ का संग्रहण किया जा चुका है। इस लिहाज से विभाग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के अपने लक्ष्य का 53.72 फीसदी राजस्व संग्रहीत कर लिया है। अब 46 फीसदी कर संग्रहीत किया जाना है। इसके लिए 36 सूत्रीय कर संग्रहण अभियान चलाया गया था। यह लगाता चल रहा है। उनका कहना था कि चूंकि देश में मार्च में ही सबसे ज्यादा टैक्स कलेक्टर होता है। इसलिए लक्ष्य पूरा करने का प्रयास करेंगे। इस दौरान प्रधान आयकर आयुक्त ओपी यादव भी मौजूद रहे।
हवाला कारोबार पर नजर
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में ऐसे करदाताओं की छंटनी की गई हैं जिन्होंने इस वर्ष रिटर्न ही जमा नहीं की। इन करदाताओं को 31 मार्च तक इसे जमा करने के लिए कहा गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हवाला कारोबार और नोटबंदी के उपरांत बैंकों में बिना वैधानिक स्त्रोत के रकम जमा पर कार्रवाई की जा रही है। दोनों प्रदेशों में 100 से ज्यादा बड़े प्रकरणों को जांच में लिया गया है। उन्होंने बताया कि आर्थिक अपराध से जुड़े करीब आठ मामले सामने आए हैं। उनकी जांच की जा रही है। वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत 860 प्रकरण आए थे। 80 में निराकरण किया गया है।
करदाताओं को मिला है विकल्प
बजट में आयकरदाताओं को टैक्स के स्लैब पर उनका कहना था कि मंत्रालय इस संबंध में स्पष्ट कर चुका है। वह दोहराना चाहते हैं कि उनके लिए नए एवं पुराने दोनों स्लैब चुनने की आजादी रहेगी। उन्होंने बताया कि करदाता यदि एक बार नए स्लैब के आधार पर टैक्स जमा करता है तो अगले वित्तीय वर्ष में वह उसे बदल भी सकता है।