अग्निकांड के बाद इन अस्पतालों पर गिरी गाज
न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्निकांड में 8 लोगों की मौत के बाद जिलेभर के कई अस्पतालों के लाइसेंस खामियां पाए जाने के चलते रद्द किये गए हैं। इनमें डॉ. खान ई.एन.टी हॉस्पिटल, तिगनाथ हॉस्पिटल, लाईफ लाइन मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और सुहागी जबलपुर, आयुष्मान अस्पताल सिहोरा, छाबड़ा अस्पताल गुरंदी रोड, रॉयल अस्पताल गढ़ा रेलवे क्रांसिंग, डॉ.कपिल नर्सिगहोम डीएन जैन स्कूल के पास, खिदमत अस्पताल आधारताल, सिद्धी विनायक अस्पताल नेपियर टाऊन, अग्रवाल नेत्र चिकित्सालय राईट टाऊन, सिंधु नेत्रालय ग्वारीघाट, मिडास अस्पताल आधारताल, मेडि लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल मनमोहन नगर, बरगी स्थित राधाकृष्ण अस्पताल और कटंगी स्थित श्री हेल्थ केयर हॉस्पिटल और एन.वी अस्पताल, जगदीश चिल्ड्रल अस्पताल, जीवन ज्योति अस्पताल, डॉ. कावेरी शॉ विजया वूमेन क्लीनिक एंड हॉस्पिटल, प्राची नर्सिंग होम, कुमार अस्पताल, स्टार अस्पताल, निर्मल अस्पताल, शाफिया अस्पताल, अभिनंदन अस्पताल, आदर्श अस्पताल, कामाख्या अस्पताल और सरकार अस्पताल शामिल हैं। लाइसेंस रद्द करने के साथ ही इन निजी अस्पतालों में मरीजों भर्ती करने पर तत्काल रोक लगा दी है। साथ ही, पहले से भर्ती मरीजों का पूरा उपचार की हिदायत अस्पताल प्रबंधन को दी गई है।
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इसलिए एक्शन में आया प्रशासन
आपको बता दें कि, बीते 1 अगस्त 2022 को जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलीटी अस्पताल में हुए अग्निकांड में 8 लोगों की मौत हो गई थी। आगजनी में कई लोग घायल भी हुए हैं। अस्पताल में आग लगने के पीछे फायर एनओसी का होने के साथ-साथ कई नियमों का पालन न होना पाया गया। अग्निकांड के बाद प्रदेशभर में हाहाकार मच गया, जिसके चलते सीएम शिवराज तमाम कलेक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस दौरान सीएम ने निर्देश दिए कि, लोगों की जान से इस तरह खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई हो। इसके बाद से ही जबलपुर स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और लगातार निजी अस्पतालों पर कार्रवाई कर रहा है। अबतक 28 अस्पतालों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके है। बता दें कि, दो दिन पहले ही जबलपुर के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी रत्नेश कुरारिया को भी इसी सिलसिले में निलंबित किया गया है।
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