नोटों की प्रिंटिंग रुकी
भारती स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी वायके शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों हुई कैश की किल्लत के बाद सरकार ने 2000 के नोटों की छपाई कम कर दी थी, लेकिन अब उसने इसे फिलहाल पूरी तरह से बंद कर दिया है। माना जा रहा है कि अब केंद्र सरकार देश की अर्थव्यवस्था में 500 रुपये के नोटों की सप्लाई बढ़ाने पर फोकस कर रही है। इसके लिए सरकार ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई फिलहाल रोक दी है। अभी तक आयी खबरों के अनुसार आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने इसकी पुष्टि भी की है। बताया गया है कि वर्तमान में देश में 2000 रुपये के जितने नोट सर्कुलेशन में हैं, उनकी कुल वेल्यू 7 लाख करोड़ रुपये के आसपास है। माना जा रहा है कि कि दो हजार रुपए के नोटों की यह उपलब्धता आवश्यकता से अधिक हैं. इस वजह से 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई नहीं की जा रही है।
ये है खास राज
2000 के नोटों की प्रिंटिंग बंद होने की खबर से लोगों के मन में आशंकाओं-कुशंकाओं ने घर कर लिया है। लोग इस बात से चिंतित हो गए हैं कि 2000 रुपए के नोट कभी भी बंद हो सकते हैं। यही वजह है कि मंगलवार को जबलपुर में कई बाजारों में 2000 रुपए के नोट चलन में अपेक्षाकृत ज्यादा दिखाई दिए। एटीएम में भी इन नोटों की संख्या ज्यादा रही। सूत्रों का कहना है कि 2000 रुपए के नोटों को लोग जमाखोरी के लिए उपयुक्त मानते हैं। पिछले पखवाड़े ये नोट लगभग पूरी तरह बाजारों से गायब रहे। अनुमान लगाया जा रहा था कि ये नोट सेठों की तिजोरियों में कैद हो गए हैं। अब 2000 रुपए के नोटों को लेकर सरगर्म हुई नई चर्चा की वजह से इन्हें तिजारियों से बाहर किया जा रहा है। यही वजह है कि अब चलन में 2000 रुपए के नोट ज्यादा दिखाई दे रहे हैं।
इन नोटों पर जोर
करेंसी चेस्ट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आम तौर पर लोग लेन-देन के लिए लोग ज्यादातर 500, 200 और 100 रुपये के नोटों का इस्तेमाल करते हैं। 2000 के नोटों का इस्तेमाल उतना नहीं किया जाता। इसी वजह से अब सरकार छोटे नोटों की छपाई पर ज्यादा ध्यान दे रही है। बताया गया है कि 2000 के नोटों की छपाई बंद होने के कारण होने वाली नोटों की कमी से निपटने के लिए सरकार ने 500 रुपये के नोटों की छपाई तेज कर दी है और इनकी सप्लाई भी बढ़ा दी है। रोजाना 500 रुपये के लगभग 3000 करोड़ रुपये की कीमत के नोट सप्लाई किए जा रहे हैं।
ये भी है बड़ा कारण
जानकार सूत्रों का कहना है कि जबलपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और देश में हवाला कारोबार और जमाखोरी जोरों पर चल रही है। बैंकों की आंखों में धूल झोंकने और टैक्स बचाने के लिए इस जमा राशि का हवाला के जरिए आदान-प्रदान किया जा रहा है। हवाला कारोबार से जुड़े एक सूत्र की मानें मात्र एमपी में ही रोजाना करीब 500 करोड़ रुपए हवाला के जरिए यहां से वहां पहुंचाए जा रहे हैं। देश भर में यही स्थिति है। बैंको में बड़ी राशि का लेन-देन अपेक्षाकृत कम हो रहा है, जबकि बड़े औद्योगिक संस्थानों व रियल स्टेट में करोड़ों का लेन-देन और भुगतान रोज हो रहा है। श्रमिकों और कर्मचारियों को भुगतान के लिए यह राशि कहां से आ रही है? यह सवाल भी हवाला के रहस्य से जुड़ा हुआ है।
बढ़ाए जा रहे हैं सिक्योरिटी फीचर्स
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2000 और 500 रुपए के नोटों में डुप्लीकेसी बड़ी है। नोटों का कलर और साइज इसका एक बड़ा कारण है। रिजर्व बैंक अब करंसी नोट्स में सिक्यॉरिटी फीचर्स को बढ़ा रहा है, ताकि नोटों की नकल ना हो सके। माना जा रहा है कि नोटों में नए सिक्योरिटी फीचर्स आने के बाद इनकी डुप्लीकेसी में विराम लगेगा।