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पदकवीर के लिए बिछाए पलक पांवड़े, ऐसे होगा स्वागत , मां खिलाएंगी ये खास पसंदीदा मिठाई

भारतीय हॉकी टीम में शामिल मध्यप्रदेश के खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद के स्वागत की हो रही खास तैयारी

इटारसीAug 10, 2021 / 10:36 am

deepak deewan

Vivek Sagar Prasad Indian Hockey Team

इटारसी. टोक्यो ओलिंपिक में जर्मनी को हराकर 41 साल बाद पदक हासिल करनेवाली भारतीय हॉकी टीम स्वदेश लौट आई है. टीम का नई दिल्ली में अभूतपूर्व स्वागत किया गया. टीम में मध्यप्रदेश के इकलौते खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद भी शामिल हैं जिन्होंने भारतीय टीम की इस उपलब्धि में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उनके स्वागत के लिए इटारसी और गृहगांव चांदौन में जबर्दस्त तैयारी की गई है.
विवेक सागर प्रसाद अनेक नेशनल और इंटरनेशनल लेबल की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं. टोक्यो ओलिंपिक उनका पहला ओलिंपिक था और इसमें भी उन्होंने एक गोल दागा था. टीम के मिड फील्डर के रूप में खेलते हुए नाजुक क्षण में गोल दागकर विवेक ने टीम को जीत की राह पर पहुंचा दिया था. लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए सन 2019 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) द्वारा राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर भी चुना गया था.
ब्रांज मेडलिस्ट हॉकी प्लेयर विवेक सागर ने कहा- टीन का घर है मेरा, अब मां के लिए बनाऊंगा आशियाना

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टोक्यो में ब्रांज मेडल जीतकर विवेक ने ओलिंपिक और हॉकी के इतिहास के सुनहरे पन्ने में अपना नाम दर्ज करवा लिया है. जीत के बाद पत्रिका से खास बातचीत में उन्होंने नए और जरूरतमंद खिलाडियों की मदद करने की भावना जताई थी. विवेक पहले भी गांव के खिलाड़ियों को हाकी स्टिक व अन्य सामग्री देते रहे हैं.विवेक ने अपनी मां के लिए भव्य मकान बनाकर भेंट करने की भी भावना व्यक्त की है.
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हॉकी के इस हीरे की चमक अब दुनिया भर में फैल चुकी है. देश के लिए पदक जीतकर लौट रहे विवेक के स्वागत के लिए उनके फैंस, परिजन और गांववाले, सभी बेताब हैं. 13 साल के हॉकी प्लेयर प्रियांक चौधरी कहते हैं— विवेक भैया ने हमें गर्व से भर दिया है. हमारे तो वे रोल माडल बन चुके हैं. क्षेत्र के सभी खिलाड़ी यही बात कहते हैं. ऐसे में विवेक सागर का जबर्दस्त स्वागत करने की तैयारी चल रही है. विवेक के भाई विद्यासागर प्रसाद बताते हैं कि इटारसी में उनका जुलूस निकाला जाएगा जिसमें प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता भी शामिल होंगे.
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साथ ही गांव में भी स्वागत किया जाएगा. विवेक के पदक लेकर लौटने पर उनकी मां कमला सबसे ज्यादा खुश हैं. वे विवेक को इस मौके पर उनकी पसंदीदा मिठाई गुलाबजामुन खिलाएंगी. मां बताती हैं कि विवेक बचपन से ही गुलाब जामुन का बेहद शौकीन है. वह आलू के परांठे भी चाव से खाता है पर गुलाब जामुन का तो जैसे दीवाना है. घर में जब गुलाब जामुन बनती है तो उसे छुपाकर रखना पड़ता है, वह अकेला ही घर के सभी लोगों के हिस्से की गुलाबजामुन चट कर जाता है.

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