Read this also: ईद के दिन फर्ज के मोर्चे पर हैं मुस्तैद, मिल रही सबसे अनमोल ईदी बताया जा रहा है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बैठे मजदूर भूख व प्यास से परेशान थे। इटारसी स्टेशन पर रेलवे की ओर से नाश्ता में ब्रेड, केला, पानी की व्यवस्था की गई थी जिसे प्लेटफार्म पर लाकर रखा गया था। ट्रेन में इसके बांटने की व्यवस्था की जानी थी। लेकिन प्लेटफार्म पर नाश्ता का पैकेट देखकर कुछ बोगियों के यात्री नीचे उतरे। करीब सौ की संख्या में उतरे मजदूरों को रेलवे कर्मचारियों व गार्ड ने वापस बोगी में जाने के लिए समझा रहे थे। वह बता रहे थे कि बोगी में सबको नाश्ते का पैकेट मिलेगा। अभी गार्ड व उन मजदूरों में बातचीत हो रही थी कि एक दूसरी बोगी से भागता हुआ यात्री आया और एक पैकेट लेकर भागता हुआ वापस अपनी बोगी में चला गया। इसके बाद नीचे उतरे मजदूर भी नाश्ते पर टूट पड़े। ब्रेड व पानी लेने के लिए सभी एक दूसरे से धक्कामुक्की-छीनाछपटी करने लगे। देखते ही देखते पैकेट वाली ट्राली खाली हो गई, अन्य जगह रखे पैकेट भी यात्री लेते गए।
Read this also: एसपी के बाद अब ‘विधायक जी’ की आईडी से मांगे गए बीस-बीस हजार रुपये! रेलवे कर्मचारियों, जीआरपी-आरपीएफ किसी के समझाने या रोकने का कोई असर नहीं हो रहा था। भीड़ बेकाबू होते ही कर्मचारियों ने पीछे हटकर खुद को बचाना ही मुनासिब समझा।
करीब पांच मिनट तक स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल रहा। जब पैकेट खत्म हो गए, सबकुछ शांत हो गया। जब इस घटना की जानकारी अधिकारियों से लेने की कोशिश की गई तो पहले तो सबने ऐसी किसी घटना से इनकार किया लेकिन वेंडर्स/मौजूद अन्य लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो वायरल होने के बाद आखिरकार अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है।
इस बाबत आरपीएफ इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह का कहना है कि ट्रेनें अधिक संख्या में आ रही हैं और पुलिस बल सीमित होने की वजह से बेकाबू भीड़ को काबू करना मुश्किल हो रहा है।
करीब पांच मिनट तक स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल रहा। जब पैकेट खत्म हो गए, सबकुछ शांत हो गया। जब इस घटना की जानकारी अधिकारियों से लेने की कोशिश की गई तो पहले तो सबने ऐसी किसी घटना से इनकार किया लेकिन वेंडर्स/मौजूद अन्य लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो वायरल होने के बाद आखिरकार अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है।
इस बाबत आरपीएफ इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह का कहना है कि ट्रेनें अधिक संख्या में आ रही हैं और पुलिस बल सीमित होने की वजह से बेकाबू भीड़ को काबू करना मुश्किल हो रहा है।