उल्लेखनीय है कि ट्रैक्शन मोटर सेक्शन में इंजन के भीतर पाए जाने वाले ट्रैक्शन मोटरों की जांच और सुधार कार्य किया जाता है। रोज की तरह यहां कामकाज चल रहा था। इसी दौरान अचानक से आग लग गई। आग इतनी तेजी से सेक्शन में फैली की यहां काम कर रहे कर्मचारियों को भागकर बाहर आना पड़ा। जिसके बाद अन्य कर्मचारियों की मदद से आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा था। इस दौरान रेलकर्मियों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी, लेकिन नंबर नहीं लग रहा था। इसके बाद इटारसी थाने में फोन करके आग लगने की सूचना दी गई। जब तक घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड पहुंची, रेलकर्मी आग पर नियंत्रण पा चुके थे। इस दौरान डीजल शेड के सीनियर डीएमई जितेेद्र श्रीवास्तव भी पहुंच गए थे। भोपाल रेल मंडल के पीआरओ नवल अग्रवाल ने बताया कि शार्ट सर्किट से आग लगने की जानकारी मिली है। घटना की जांच के बाद नुकसान का पता चलेगा।
ट्रैक्शन मोटर सेक्शन में होता है यह काम-
रेल इंजनों के भीतर ट्रैक्शन मोटर रहती है। जिनकी संख्या छह होती है। यह ट्रैक्शन मोटर इंजन के अंदर होती है, जो पूरे ट्रेन को खींचने का काम करता है। ओवरआइलिंग, टेस्टिंग की जाती है। बताया जा रहा है कि इस सेक्शन में लगभग 150 से 200 ट्रैक्शन मोटर रखे हुए थे।
1964 में खोला गया था डीजल शेड–
इटारसी डीजल लोको शेड इटारसी में स्थित एक इंजन शेड है। यह पश्चिम मध्य रेलवे क्षेत्र के भोपाल डिवीजन के अंतर्गत आता है। सबसे पुराने डीजल लोको शेडों में से एक है। इसे वर्ष 1964 में कुल 40 लोकोमोटिव के साथ खोला गया था। 350 करोड़ रुपये की लागत से इटारसी-इलाहाबाद खंड और 134 करोड़ रुपये की लागत से इटारसी-जबलपुर खंड के विद्युतीकरण के बाद, शेड अब डीजल और इलेक्ट्रिक दोनों इंजनों की सेवा प्रदान करता है।