इटारसी

गल्र्स कॉलेज में हुआ बौद्धिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, छात्राओं ने दी नृत्य की प्रस्तुति

गल्र्स कॉलेज में हुआ बौद्धिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, छात्राओं ने दी नृत्य की प्रस्तुति

इटारसीJul 22, 2024 / 08:52 pm

Manoj Kundoo

गल्र्स कॉलेज में हुआ बौद्धिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, छात्राओं ने दी नृत्य की प्रस्तुति

शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी में गुरु पूर्णिमा उत्सव के द्वितीय दिवस

इटारसी. शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी में गुरु पूर्णिमा उत्सव के द्वितीय दिवस पर बौद्धिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अतिथि पूर्व प्राचार्य डॉ कुमकुम जैन एवं हिंदी के पूर्व प्राध्यापक डॉ. श्रीराम निवारिया रहे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने कहा कि शैक्षणिक जगत में ज्ञान का हस्तांतरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने की परंपरा ज्ञान को संरक्षित करने और पीढिय़ों तक स्थानांतरित करने के महत्व पर जोर देती है। पूर्व प्राचार्य डॉ कुमकुम जैन ने ध्यान एवं योग को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक बताया।डॉ. श्रीराम निवारिया ने कहा कि हमें गर्व है कि हम अनंत गौरव की स्वामिनी भारतीय संस्कृति के वंशज हैं जिसके महान गुरुओं ने सदैव दम तोड़ती मनुष्य जाति को अनुप्राणीत किया है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. शिरीष परसाई ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली में नवाचार की भूमिका एवं उसकी आवश्यकता विषय का प्रवर्तन करते हुए कहा कि बदलते समय के साथ शिक्षा प्रणाली को अद्यतन करने की आवश्यकता है। नवाचार शिक्षा को अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनता है। डिजिटल शिक्षा, ऑनलाइन कोर्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग का प्रयोग एवं व्यक्तिगत शिक्षा जैसे नवाचारों को अपनाकर हम शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी, आकर्षक और भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। कार्यक्रम को डॉ हर्षा शर्मा ने भी संबोधित किया। छात्रा काशिफा खान और हेमा पटेल ने नृत्य के माध्यम से गुरु वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम में डॉ हरप्रीत रंधावा, रविंद्र चौरसिया, पूनम साहू, डॉ शिरीष परसाई, डॉ संजय आर्य, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ श्रद्धा जैन, डॉ नेहा सिकरवार, एनआर मालवीय, करिश्मा कश्यप, प्रिया कलोसिया, क्षमा वर्मा, तरुणा तिवारी, हेमंत गोहिया मौजूद रहे।
इटारसी. शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी में गुरु पूर्णिमा उत्सव के द्वितीय दिवस पर बौद्धिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अतिथि पूर्व प्राचार्य डॉ कुमकुम जैन एवं हिंदी के पूर्व प्राध्यापक डॉ. श्रीराम निवारिया रहे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने कहा कि शैक्षणिक जगत में ज्ञान का हस्तांतरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने की परंपरा ज्ञान को संरक्षित करने और पीढिय़ों तक स्थानांतरित करने के महत्व पर जोर देती है। पूर्व प्राचार्य डॉ कुमकुम जैन ने ध्यान एवं योग को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक बताया।डॉ. श्रीराम निवारिया ने कहा कि हमें गर्व है कि हम अनंत गौरव की स्वामिनी भारतीय संस्कृति के वंशज हैं जिसके महान गुरुओं ने सदैव दम तोड़ती मनुष्य जाति को अनुप्राणीत किया है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. शिरीष परसाई ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली में नवाचार की भूमिका एवं उसकी आवश्यकता विषय का प्रवर्तन करते हुए कहा कि बदलते समय के साथ शिक्षा प्रणाली को अद्यतन करने की आवश्यकता है। नवाचार शिक्षा को अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनता है। डिजिटल शिक्षा, ऑनलाइन कोर्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग का प्रयोग एवं व्यक्तिगत शिक्षा जैसे नवाचारों को अपनाकर हम शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी, आकर्षक और भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। कार्यक्रम को डॉ हर्षा शर्मा ने भी संबोधित किया। छात्रा काशिफा खान और हेमा पटेल ने नृत्य के माध्यम से गुरु वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम में डॉ हरप्रीत रंधावा, रविंद्र चौरसिया, पूनम साहू, डॉ शिरीष परसाई, डॉ संजय आर्य, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ श्रद्धा जैन, डॉ नेहा सिकरवार, एनआर मालवीय, करिश्मा कश्यप, प्रिया कलोसिया, क्षमा वर्मा, तरुणा तिवारी, हेमंत गोहिया मौजूद रहे।

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