उद्योग जगत

Real Estate Sector में बड़ा बूम ला सकता है Work From Home Culture, जानिए क्या कहते हैं जानकार

शहर के आउटर इलाकों में बढ़ सकती है बड़े घरों की डिमांड
शहर के छोटे मकानों में होम ऑफिस या स्‍टडी बनाना मुश्‍किल
शहरी और बाहरी इलाकों के मकान की कीमत में 70 भारी अंतर

Jun 14, 2020 / 10:15 am

Saurabh Sharma

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) ने आम से खास की जिंदगी पर बहुत ही बुरा असर डाला है तो कई नए बदलाव का भी गवाह बना है। हाल के दिन में हुए बदलाव में से एक है वर्क फ्रॉम होम कल्चर ( Work From Home Culture ) का अगाज होना है। अभी तक लाखों लोगों को घंटो मेट्रो, बस और टेम्पो में यात्रा कर ऑफिस पहुंचने की जद्दोजहद से वर्क फ्रॉम होम ( Work From Home ) ने छुटकारा दिला दिया है। यह ट्रेंड आने वाले समय में और तेजी से बढ़ने वाला है। यानी ऑफिस की जगह घर लेगा। ऐसे में आने वाले समय में घरों की मांग में तेजी ( Home Demand Increase ) से बढ़ेगी जो प्रॉपर्टी बाजार ( Property Market ) को पटरी पर लौटाने में मदद करेगा। हालांकि, घरों की मांग शहर के केंद्र में न होकर बाहारी इलाकों में डेवलप हो रहे क्षेत्रों में होंगे।

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बड़े घर खरीदने की चाह बढ़ेगी
रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि आने वाले समय में वर्क फ्रॉम होम कल्‍चर हमारे जीने के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव ला सकता है। शहरों में ज्‍यादातर घर छोटे होते हैं। इनमें होम ऑफिस या स्‍टडी स्‍पेस बनाना मुश्‍किल है। वहीं, शहरों के बाहरी इलाकों में बड़ा घर इस दिक्‍कत को दूर कर सकता है। अभी तक ज्‍यादातर लोग ऑफिस के करीब छोटा घर लेने की कोशिश करते हैं। अब वर्क फ्रॉम होम कल्चर डेवलप होने से वो बाहरी इलाकों में बड़ा साइज का घर लेने की तैयारी करेंगे। इन इलाकों में उन्‍हें कम दाम में ज्‍यादा बड़ा घर मिल सकता है। कंपनियों को यह भी एहसास हो गया है कि कम ट्रैवलिंग टाइम का मतलब ज्‍यादा प्रोडक्टिविटी है।

खुले क्षेत्र में रहना पसंद करेंगे लोग
रियल एस्टेट कंसल्टेंट कंपनी इंदुमा ग्रुप के डायरेक्टर ऋषि सिंह ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम और सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से लोग अब बाहरी इलाकों में ज्यादा स्पेस वालों घरों को तरजीह दे सकते हैं। ऐनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में शहरी इलाकों और बाहरी इलाकों के मकान की कीमतों में 54 से लेकर 70 फीसदी तक का अंतर है। ऐसे में कोरोना काल के बाद न सिर्फ किरायेदार बल्कि खरीदार भी बाहरी इलाकों में ज्यादा स्पेस वाले घरों को तरजीह देंगे। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के शहरी इलाकों में 1000 वर्गफुट वाले स्टैंडर्ड फ्लैट की औसम कीमत 88 लाख 20 रुपये के आसपास है जबकि बाहरी इलाकों में इतना बड़ी फ्लैट करीब 37 लाख 50 हजार की कीमत में मिल रहा है। बाहरी इलाकों में नोएडा, नोएडा एक्सप्रेस, जयुपर का बहारी इलका, गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, सोहना, भिवाड़ी आदि हैं। मुंबई में तो फ्लैट की कीमत आसमान छू रही है। शहरी इलाकों में 1000 वर्गफीट के फ्लैट की स्टैडर्ड कीमत 1 करोड़ 85 लाख के आसपास आंकी गई है। जबकि बाहरी इलाकों में यह घटकर 55 लाख 35 हजार है।

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डेवलपर्स भी कर रहे हैं बदलाव
रियल एस्टेट विशेषज्ञ प्रदीम मिश्रा ने बताया कि रियल एस्टेट लंबे समय से सुस्ती की चपेट में है। लेकिन पिछले दो महीने से घर से ही काम हो रहा है, जिसकी वजह से घर और काम, दोनों की परिभाषा बदल गई है। अचानक घर, सबसे करीब और सबसे आरामदायक कार्यालय बन गया। इस अवसर को देखते हुए डेवलपर्स भी फ्लैट के आकार में वर्क फ्रॉम होम कल्चर के अनुसार बदलाव करना शुरू कर दिए हैं। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में वर्क फ्रॉम होम के हिसाब से फ्लैट वाले प्रोजेक्ट्स में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत घर के बाहर वॉशरूम, हाई स्पीड वाला स्मार्ट सिक्यूरिटी सिस्टम, 2 और 3 बीचएचके की जगह 2.5 व 3.5 बीएचके की प्लानिंग कर रहे हैं। इसमें से आधा कमरा सिर्फ ऑफिस स्पेस के लिए होगा। इसके साथ कॉमन एरिया, कल्ब आदि में भी बदलाव कर रहे हैं।

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