भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय बैंकों के सीईओ ( BANK CEO ) के कार्यकाल को सीमित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया है। इस नियम के मुताबिक reserve bank of india ने बैंकों के सीईओ के कार्यकाल को अब 10 साल तक ही सीमित करने का प्रस्ताव पेश किया है, ये नियम बैंकों के WHOLE TIME DIRECTORS पर भी लागू होगा। गुरूवार को कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर जारी हुए इस डिस्कसन पेपर का असर कई और बैंको पर भी पड़ेगा लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर Kotak Mahindra bank पर पड़ेगा। इस नियम के हिसाब से बैंक की ओनरशिप और मैनेजमेंट को अलग-अलग कर दिया गया है। हालांकि अभी ये नियम अमल में नहीं आया है।
हाल के दिनों में बैंको में हिस्सेदारी को लेकर भी उदय और आरबीआई एक-दूसरे को आमने सामने थे, लेकिन अब बाजी पलटती नजर आती है। RBI ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि जो सीईओ बैंक के फाउंडर नहीं है, वो 15 साल तक बैंक में सीईओ पद पर रह सकते हैं।
इन बैंकों के सीईओ को भी छोड़ना होगा पद- उदय कोटक के अलावा बंधन बैंक लिमिटेड के सी.एस. घोष, आरबीएल बैंक लिमिटेड विश्ववीर आहुजा, फेडरल बैंक लिमिटेड और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के सीईओ भी इस नियम की वजह से अपने पद से मुक्त किये जा सकते हैं।
2003 में स्थापित हुआ कोटक बैंक- कोटक महिंद्रा बैंक की स्थापना उदय कोटक ने 2003 में की थी। इसका मतलब है कि उदय कोटक को 2022 या 2023 में पद छोड़ना होगा।आपको बता दें कि उदय कोटक ने हिस्सेदारी की वजह से RBI से इसी साल लंबी अदालती लड़ी है।