बजट में 20 फीसदी रखा जा सकता है मोबाइल हैंडसेट आयात शुल्क जानकारी के मुताबिक़ कंपनी भारत में ऊबर इट्स ( UberEATS Food Delivery Service ) के अपने कारोबार को ज़ोमैटो को बेच देगी और इसके पीछे की वजह तकनीकी दिक्क़तें बताई जा रही हैं जिनकी वजह से कंपनी ने ये फैसला लेने का निर्णय किया है। आपको बता दें की ऊबर अमेरिका की बड़ी कैब प्रोवाइडर कंपनी है और अब वो भारत में अपने निवेश को कम करना चाहती है और इस दिशा में ये पहला कदम है।
वर्तमान में, उबरईट्स का भारत में कारोबार लगभग 400 मिलियन डॉलर का है। सौदे के हिस्से के रूप में, उबर ज़ोमैटो में $ 150 से $ 200 मिलियन के बीच निवेश कर सकता है और 11 वर्षीय भारतीय फर्म में एक बड़ी हिस्सेदारी प्राप्त कर सकता है।
ऊबर के एक प्रवक्ता ने शनिवार इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। पिछले हफ्ते के मध्य में ऊबर के अधिकारियों से मिलने वाले ज़ोमैटो ( Zomato ) के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी दीपिंदर गोयल ने भी इस सवाल का जवाब नहीं दिया है।
चीन ने दिए ट्रेड वॉर खत्म होने के संकेत, अमरीका के कुछ सामानों पर लगाए टैरिफ रद ऊबर और ज़ोमैटो अभी भी शर्तों पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन सौदा साल के अंत तक अपने मुकाम पर पहुंच सकता है। गोयल ने ने समाचार एजेंसी पीटीआई को इस महीने की शुरुआत में $ 600 मिलियन के नए वित्तपोषण दौर को बंद करने के लिए ज़ोमैटो के अंतिम चरण में आने पर बातचीत शुरू की थी। टेकक्रंच ने पहले बताया था कि चीन की एंट फाइनेंशियल 3 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन में ज़ोमैटो में 600 मिलियन डॉलर तक के फंडिंग राउंड का नेतृत्व करने के करीब थी।