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दूसरी सर्विस से कमा रही हैं कंपनियां
आरएस शर्मा ने कहा कि कॉल ड्रॉप को लेकर ट्राई की कंपनियों पर जुर्माने के प्रावधान को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई, लेकिन वह सेवा गुणवत्ता बेहतर करने की दिशा में काम करता रहेगा। शर्मा ने कहा कि अधिकतर कंपनियां मुफ्त वॉयस कॉल की सुविधा दे रही है। ऐसे में एक बड़ी बहस है कि यदि कुछ मुफ्त है तो ट्राई उस पर कितना दंड लगा सकता है, क्योंकि कंपनियों को उससे कुछ मिल नहीं रहा। लेकिन यह सही नहीं है क्योंकि वह अनिवार्य रूप से उसकी लागत अन्य सेवाओं से निकाल रही हैं।ÓÓ शर्मा का यह बयान ऐसे समय आया है जब देशभर में दूरसंचार उपभोक्ता कॉल ड्रॉप से परेशान हैं।
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कॉल ड्रॉप की समस्या से अनजान नहीं है ट्राई
वर्ष 2016 में रिलायंस जियो के बाजार में उतरने के बाद अधिकतर कंपनियों को डेटा सेवाओं के साथ मुफ्त वॉयस कॉल की सेवा देना शुरू करना पड़ा। इससे कंपनियों की आय प्रभावित हुई क्योंकि उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा कॉल शुल्क से आता था। शर्मा ने कहा कि वह कॉल ड्रॉप की समस्या से अवगत हैं और उम्मीद करते हैं कि समय से साथ सेवा गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी। ट्राई के अधिकारी सड़कों, रेलगाडिय़ों और अन्य व्यस्त स्थानों पर मानक परीक्षण करते हैं। यदि किसी सेवाप्रदाता की सेवा गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो उसे दंडित किया जाता है।
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जरूरी है टेलीकॉम टॉवर
शर्मा ने इस दौरान लोगों से आग्रह किया कि वह टेलीकॉम टॉवर लगवाने के लिए आगे आएं, क्योंकि इससे स्वास्थ्य को कोई हानि नहीं होती। उन्होंने कहा कि सूदूरतम इलाकों में टेलीकॉम सर्विस पहुंचाने के लिए टॉवर खड़े करना काफी जरूरी है। इससे लोगों को अपनी ऊंची-ऊंची मंजिलों की सोसायटी में बेहतर नेटवर्क भी सुनिश्चित होगा। आगामी प्रौद्योगिकी 5जी के बारे में शर्मा ने कहा कि इसका बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए निवेश की जरूरत है और ऑप्टिकल फाइबर को बिछाना एक दुष्कर काम है। देश में मोबाइल इंटरनेट पर बहुत निर्भरता है और हमें वायर के माध्यम से इंटरनेट और पहुंचाने की जरूरत है।