क्या होता है कृत्रिम हीरा?
डायमंड फाउंड्री नाम के एक स्टार्ट अप फर्म ने लैब में सस्ता कृत्रिम हीरा बनाया है। कृत्रिम रूप से बना यह हीरा हर मायने में असली हीरे की तरह ही है। इनमें भी वहीं आॅप्टिकल, थर्मल व भौतिक खूबियां है जैसे असली हीरे में होता है। इस हीरे को कृत्रिम रूप से फाउंड्री में बनाया जाता है।
क्या भारत में भी इसे बनाया जा सकता है?
इस हीरे को बनाने का तरीका कुछ एेसा है कि इसे भारत में भी बनाया जा सकता है। दरअसल, कृत्रिम रूप से हीरा बनाने वाली इस फर्म की वेबसाइट पर लिखा है कि जिस तकनीक से सूरज से उर्जा एकत्रित की जाती है, ठीक उसी तरीके से एटम दर एटम इस हीरे को बनाया जाता है। इस कंपनी ने साॅफ्टवेयर की मदद से प्लाज्मा रिएक्टर बनाया जिसमें सूरज की सतह पर जितनी गर्मी होती है, उतनी ही गर्मी में प्लाज्मा रिएक्शन कराया जाता है। यदि भारत में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाए तो कृत्रिम हीरा बनाया जा सकता है। इस तकनीक से कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है क्योंकि इसे रिन्युएबल उर्जा की मदद से बनाया जाता है।
क्यों इतना सस्ता है यह हीरा
आमतौर पर प्रकृतिक रूप से हीरे निकालने के लिए खाद्यानों में कर्इ तरह की मशीनों, श्रमिकों व दूसरे उपकरणों की आवश्यकता होती है। इसे बनाने के लिए बहुत मेहनत व समय भी लगता है। हीरे की कीमत उसके कटिंग व चमक जैसे कर्इ बातों पर भी पड़ता है। इससे हीरे के इनपुट काॅस्ट पर असर पड़ता है। साथ ही, पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ता है। जबकि, कृत्रिम रूप से बनने वाले हीरे में इस तरह का खर्च नहीं होता जिससे यह सस्ता होता है।
क्या आपको इस हीरे को खरीदना चाहिए?
इस कंपनी ने बाजार में अपने हीरे को बेचना शुरू कर दिया है आैर बहुत जल्द ही इसे दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाएगा। लेकिन आपके मन में एक सवाल यह भी होगा कि क्या इसे खरीदना चाहिए या नहीं? इसका सीधा जवाब है कि हां आप इसे खरीद सकते हैं। कृत्रिम तरीकों से बना यह हीरा पूरी तरह से वैसा ही है जैसा असली हीरा होता है। साथ ही पर्यावरण पर भी इसका कोर्इ असर नहीं होता है। बहुत जल्द ही आपके नजदीकी बाजार में यह उपलब्ध होगा।