कंपनी के मुख्य विमान परिचालन अधिकारी गुरचरण अरोरा ने पायलटों को ई-मेल के जरिए इस बात की जानकारी दी । इस ई-मेल में उन्होंने फिलहाल 16 प्रतिशत विमान और 20 प्रतिशत पायलट ही उड़ान भरने की बात कही है। मेल में कहा गया है कि जो पायलट मालवाही उड़ान का संचालन करेंगे, उन्हें ब्लॉक आवर प्लान ( block hour plan ) के हिसाब से वेतन मिलेगा। ब्लॉक आवर प्लान का मतलब है कि पायलट ने जितने बजे से विमान का पहिया हिलाया और जितने बजे तक विमान का पहिया स्थिर हुआ, वो टाइम।
इस हिसाब से पायलेट्स को दिल्ली से कोलकाता की फ्लाइट के लिए सिर्फ 2 घंटे का पेमेंट मिलेगा जबकि एक फ्लाइट उड़ाने के लिए पायलेट्स को घर छोड़ने से लेकर प्लेन उड़ाने के लिए कई सारी टेस्टिंग से गुजरना पड़ता है जिसमें कई घंटे लग जाते हैं।
स्पाइजेट की बात करें तो कंपनी की पास फिलहाल 5 कार्गो विमान हैं जो कि जरूरी मेडिकल उपकरणों और फूड सप्लाई के कार्य में जुटी हुई लगे हैं। स्पाइसजेट के 16 फीसदी विमानों का संचालन 20 फीसदी पायलटों द्वारा किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी कर चुके हैं सैलेरी न काटने की अपील- कंपनी ने ये फैसला ऐसे वक्त लिया है जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार सैलरी न अपील कर रहे हैं. काटने की अपील कर रहे हैं। पीएम मोदी ने हर सेक्टर की कंपनियों से अपील की थी कि न तो छंटनी करें और न ही सैलरी में कटौती करें। इसके बावजूद कोरोना की मार झेल रहे अलग-अलग सेक्टर से छंटनी और सैलरी कटौती की खबरें आ रही है।
पहले भी कटौती कर चुका है spicejet- सरकार द्वारा हाई यात्रा पर रोक लगाने के बाद मार्च में कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कर्मचारियों की वेतन में कटौती की घोषणा की थी । सबसे ज्यादा 30 फीसदी की कटौती खुद उन्होने अपनी सैलेरी में की थी । देश में 25 मार्च से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। जिसके चलते घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का नियमित परिचालन पूरी तरह बंद है।