रिलायंस के रिफाइनिंग कारोबार में सऊदी अरामको की 20 फीसदी हिस्सेदारी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के 42वें एन्युअल जनरल मीटिंग (AGM) में मुकेश अंबानी ने उन मीडिया रिपोट्स पर मुहर लगा दी जिसमें कहा गया था कि आरआईएल सऊदी अरामको के साथ साझेदारी करेगी। तेल से लेकर केमिकल तक के कारोबार में भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी ऑपरेट करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज अब सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको को अपनी 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी।
भारतीय बाजार में सऊदी अरामको का आगमन
अंबानी के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच यह डील 75 अरब डॉलर (5.3 लाख करोड़ रुपए) की होगी। दरअसल, बीते कुछ समय से इस बात की चर्चा हो रही थी कि दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पदक कंपनी अब भारत के घरेलू बाजार में अपनी पकड़ बनाने की तैयारी में है। हालांकि, उस दौरान दोनों कंपनियों की तरफ से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं मिली थी।
वित्त वर्ष 2019 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने तेल से लेकर रिफाइनिंग काराेबार से 5.7 लाख करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था।
इस डील के तहत सऊदी अरामको प्रतिदिन 5 लाख बैरल कच्चा तेल रिलायंस इंडस्ट्रीज को मुहैया करायेगी। रेवेन्यू के मामले में सऊदी अरामको मौजूदा समय में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।
एक दिन में 14 लाख बैरल प्रतिदिन रिफाइनिंग की क्षमता
बता दें कि जामनगर स्थित रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिफाइनरी दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स है। इस रिफाइनरी की क्षमता 14 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल की रिफाइनिंग की है। रिलायंस इस क्षमता को साल 2030 तक बढ़ाकर 20 लाख बैरल प्रतिदिन करने की योजना बना रही है।