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15 फीसदी दुकानों तक ही पीओएस मशीन की सुविधा
इन डिजिटल कंपनियों के लिए क्यूआर कोड एक बेहतर विकल्प की तरह रहा है, हालांकि इसका पूरा फायदा छोटे व्यापारियों को नहीं मिल सका है। हाल ही में एसबीआईकैप सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “भारतीय खुदरा बाजार करीब 710 अरब डॉलर का है और इसका करीब 90 फीसदी हिस्सा असगंठिति है। खुदरा बाजार पर करीब 1.5 करोड़ रुपए दुकानों का ही दबदबा है।” मौजूदा समय में करीब 1.5 करोड़ दुकानों में से केवल 15 फीसदी दुकानें ही पीओएस मशीनों का खर्च वहन कर सकती हैं। पीओएस मार्केट की बात करें तो इस बाजार में दो से तीन ही बड़े खिलाड़ी हैं। इनके अलावा सैकड़ों छोटी कंपनियां हैं।
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क्या है रिलायंस जियो का प्लान
रिलायंस जियो के दो प्रोडक्ट जियो पीओएस और माईजियो है, जिन्हे दुकानदारों में बांटा जा रहा है। एक बिजनेस न्यूज को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जियो के पास करीब 30 करोड़ ग्राहकों का आधार है, जिसका इस्तेमाल वे ऑफर्स और प्रोमोंश के जरिए कर सकते हैं। इस प्रकार वे ग्राहकों को दुकनों तक खींचनें में कामयाब हो सकते हैं। कंपनी का लक्ष्य केवल उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि सप्लाइट साइड पर भी है। बता दें कि व्यापारियों को ग्राहकों तक सामान पहुंचाने से पहले होलसेल केंद्रो को ऑर्डर देना होता है। ऐसे में यहां भी बिजनेस को डिजिटल बनाने के लिए बड़ा मौका है। इसी उद्देश्य से रिलायंस अब होलसेल ईकाई रिलायंस मार्केट को जोड़ेगी और व्यापारी इस टर्मिनल का इस्तेमाल करके ऑर्डर दे सकते हैं।
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डिजिटल पेमेंट कंपनियों पर बड़ी तैयारी में
एसबीआईकैप सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारी सब्सिडी के माध्यम से बेहद ही सस्ते रूक्कशस् टर्मिनल्स के साथ इस क्षेत्र में कदम रखा है। बता दें कि इस मशीन का वास्विक खर्च करीब 11 हजार रुपये है। फोनपे भी इस बाजार अपनी पकड़ बनाने के लिए हाइपरलोकल कॉमर्स अनुभव तैयार कर रहा है। यह कंपनी स्थानीय दुकानदारों को जोडऩे के बाद आकर्षक ऑफर्स देकर दुकानों में ग्रहाकों की संख्या बढ़ा रहा है, साथ ही खुद को पेमेंट मोड के रूप में आगे रख रहा है। गूगल पे भी कुछ ऐसे ही मॉडल पर काम कर रहा है।
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