छोटे शहरों में असीम संभावनाएं शहर के टेल्को सर्किल पर अर्बन स्क्वायर गलेरिया मॉल का निर्माण करने वाले भूमिका ग्रुप के एमडी उद्धव पोद्दार कहते हैं कि, “जब सरकार ने अगले पांच सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की, तो अलवर, उदयपुर और जयपुर जैसे टियर-2 शहरों के लिए महत्वपूर्ण खबर थी। इस घोषणा का सबसे ज्यादा सकारात्मक असर रियल एस्टेट सेक्टर पर होगा क्यूंकि इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास इस सेक्टर को को समृद्ध बनाता है। इस घोषणा से लोगों छोटे शहरों से बड़े शहरों में पलायन सम्बंधित समस्याओं का भी समाधान हुआ है। क्यूंकि अब इन शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बड़े शहरों में अधिक लागत की वजह से मल्टीनेशनल कंपनियां इन शहरों में निवेश करेंगी।
महानगरों के मुकाबले ज्यादा मौके टियर-1 शहरों की तुलना में टियर-2 शहरों में आवासीय बाजार के बेहतर प्रदर्शन करने का एक अन्य कारण प्रॉपर्टी की कीमतें भी है, जो महानगरों के मुकाबले इन शहरों में सस्ती है। आने वाले समय में इन शहरों में कीमतें ऊपर बढ़ेंगी, क्योंकि निकट भविष्य में यहाँ मांग बढ़ेगी। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आने वाले शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि तेजी से होगी, जिसका मतलब है कि इन शहरों में प्रॉपर्टी खरीदारों व निवेशकों को अपने फैसले में देरी नहीं करनी चाहिए।”
अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट में दिखेगी ग्रोथ अलवर में पहले अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के साथ प्रवेश करने वाली रियल एस्टेट कंपनी सिग्नेचर सत्त्वा के फाउंडर व चेयरमैन परवीन अग्रवाल ने कहा कि, “इस साल ग्राहक और अंतिम-उपभोगकर्ताओं की तरफ से मांग की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। को-वर्किंग, स्टूडेंट-हाउसिंग और वर्कस्पेस में नई अवधारणाओं के विचार ने इस सेक्टर में नए अवसर दिखाए हैं। 2020 में सरकार द्वारा अपेक्षित पहलें और नीतियां भी उद्योग को एक नया मंच प्रदान करेंगी। आने वाले साल में रियल एस्टेट डेवलपर छोटे व सूक्ष्म बाजारों में अच्छी लोकेशन पर प्रतिस्पर्धी सुविधाओं के साथ नए प्रोजेक्ट की पेशकश करेंगे | इस सकारात्मक दृष्टिकोण के सबसे बड़े लाभार्थी अलवर जैसे शहर होंगे होंगे।