वित मंत्री के इस बजट से भारतीय रेलवे को भी कई उम्मीदें हैं। क्योंकि रेलवे ने अगले एक साल के लिए देश भर में रेलवे के संचालन, सुरक्षा, संरक्षा, विकास और विस्तार के लिए लक्ष्य तय कर रखे हैं। सबके मन में एक ही सवाल है कि निर्मला के पिटारे से भारतीय रेल के लिए आज क्या खास निकलेगा?
मोदी सरकार ने रेलवे के लिए 10 लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिनकी झलक इस बजट में दिख सकती है। सरकार के लिए बजट में रेल यात्रियों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होगी। इसके अलावा ट्रेनों की स्पीड और बुलेट ट्रेनों पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं।
रेल बजट में रेलवे को रफ्तार देने वाली ट्रेनों पर भी खासा जोर दिया जा सकता है। सेमी हाईस्पीड ट्रेनों के दायरे को आगे बढ़ाया जा सकता है। मोदी सरकार अपने रेल बजट में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के बीच दो सेमी हाईस्पीड ट्रेन शुरू करने का एलान कर सकती है। चर्चा यह भी है कि दूसरे शहरों के लिए वंदे भारत ट्रेन शुरू किया जा सकता है।
ट्रेनों की स्पीड के अलावा नई ट्रेनों की संख्या पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं। कयास लगाया जा रहा है कि निर्मला सीतारमण कुछ नई ट्रेनों की भी सौगात दे सकती हैं। हालांकि, मोदी सरकार नई ट्रेनों की संख्या बढ़ाने से ज्यादा पुरानी ट्रेनों का परिचालन सही से और नियमित समय पर हो इसकी प्रथामिकता दे रही है।
कुछ स्टेशनों पर यात्री सुविधा के विकास का काम प्राइवेट कंपनियों को सौंपने का ऐलान भी संभव है। 2022 तक सभी रेलवे स्टेशन पर वाई फाई की सुविधा का भी वित्तमंत्री ऐलान कर सकती हैं। इसके अलावा रेल किराया पर भी लोगों की नजरें टिकी हैं। रेल किराया में बढोत्तरी होगी या फिर घटाया जाएगा यह भी देखने वाली बात होगी। मालभाड़ा में क्या कुछ परिवर्तन होगा इसपर भी निगाहें टिकी हैं।
इसके अलावा भारतीय रेलवे ने भी कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं, जिसकी झलक इस बजट में दिख सकती है। इनमें नई लाईन बिछाना, गेज कन्वर्जन, पटरियों की डबलिंग, 7000 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य शामिल हैं। इसके अलावा ट्रैक मेन्टेनेन्स की आधुनिक टेक्नोलोजी, 4000 किलोमीटर पुरानी ट्रैक को बदलना, 725 इलेक्ट्रिकल लोको इंजन बनने का भी भारतीय रेलवे ने लक्ष्य निर्धारित कर रखा है।