नई दिल्ली। उपभोक्ताओं को दो लाख रुपए से अधिक के आभूषणों की खरीद पर पैन कार्ड अनिवार्य करने के सरकार के फैसले के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए आभूषणों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं ने 18 जनवरी को कैंडल मार्च के जरिए विरोध कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। आभूषण निर्माताओं एवं विक्रेताओं के संगठन जीजेएफ ने जारी बयान में बताया कि पैन कार्ड की अनिवार्यता से आभूषण बाजार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है और इस क्षेत्र की कारोबारी गतिविधियों में 25 से 30 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
उसने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसका विरोध करने की घोषणा की। संगठन के अध्यक्ष जी.वी. श्रीधर ने कहा, ‘पिछले 15 दिन में कारोबारी गतिविधियों में 25 से 30 प्रतिशत तक की गिरावट आने के बाद हमारे संगठन के सदस्यों एवं कई अन्य संगठनों ने भी विरोध करने का निर्णय लिया है। कारोबार में यह गिरावट कई कारणों से आई है, जिनमें दो लाख रुपए से अधिक के आभूषणों की खरीद के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता प्रमुख है। हम शीघ्र ही वित्त मंत्री एवं वित्त सचिव से मिलकर यह सीमा दो लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने की मांग करेंगे।’
संगठन के निदेशक अशोक मिनावाला ने कहा, ‘यदि सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो बड़े स्तर पर विरोध किया जाएगा। परिस्थितियों में कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा है और कई संगठन राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना पर चर्चा कर रहे हैं। पैन कार्ड की अनिवार्यता से कस्बों एवं गांवों के ग्राहकों को समस्याएं हुई हैं। देश में सिर्फ 22.3 करोड़ पैन कार्ड धारक हैं और ऐसे में इस तरह की अनिवार्यता के रहते हुए यह उद्योग कैसे बच सकता है?’ उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस साल 1 जनवरी से दो लाख रुपए से अधिक के आभूषणों की खरीद के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया है। आभूषण उद्योग से जुड़े विभिन्न संगठनों एवं कारोबारियों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है।
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