डेटा लोकलाइजेशन को लेकर महत्वपूर्ण है मंशा
इतिहासकार व लेखक युवल नोआ हरारी से शुक्रवार को बातचीत में जुकरबर्ग ने कहा कि स्थानीय रूप से डेटा संग्रह के पीछे का जो मकसद व इरादा है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। जुकरबर्ग ने एक सवाल के जवाब में कहा, “मुझे लगता है कि मंशा महत्व रखती है और निस्संदेह हममें से कोई भी भारत को अधिनायकवादी देश नहीं मानता है।” उनसे पूछा गया था कि क्यों भारतीय नागरिकों का डेटा अमरीका में संग्रहित करना सुरक्षित है और भारत में नहीं, जबकि वे खुलेआम कह रहे हैं कि उन्हें सिर्फ अपनी चिंता है।
आरबीआई ने दिया था निर्देश
फेसबुक के सीईओ ने कहा, “डेटा लोकलाइजेशन पर हमारा रुख खतरे को लेकर है, क्योंकि अगर किसी बड़े देश में हमें ब्लॉक किया जाता है तो इससे हमारे समुदाय और हमारे कारोबार पर असर पड़ेगा। लेकिन डेटा लोकलाइजेशन पर हमारा सिद्धांत नया नहीं है, बल्कि इसको लेकर हमेशा खतरा रहा है।” भारतीय रिजर्व बैंक ( rbi ) के दिशानिर्देश के अनुसार, गूगल पे, व्हाट्सएप व अन्य जैसे सभी डिजिटल भुगतान कंपनियों को अपने कारोबार के लिए डेटा का संग्रह अवश्य स्थानीय रूप से करना चाहिए।
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