पोर्ट पर फंसा है कई टन सामान
तिरुपुर एक्सपोर्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजा शानमुगम के अनुसार भारत में सबसे बड़ा कपड़ा बनाने का हब तिरुपुर में है, जो 90 फीसदी तक चीन से आने वाले फास्टनर, बटन, सिलाई मशीन, निडल लेपल पिन और टेक्सटाइल मटीरियल पर डिपेंड है। उन्होंने कहा कि भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री काफी प्रभावित होने वाली है। उनके अनुसार चीन से आया कई टन सामान पोर्ट पर फंसा है। जब तक इस सामान के इंडस्ट्री तक पहुंचे की व्यवस्था होती तब तक काफी नुकसान हो चुका होगा। वैसे चीन आने वाला सामान तुर्की, ताइवान, वियतनाम और थाईलैंड से भी मिल सकता है, कई ऐसे पार्ट हैं जो सिर्फ चीन से ही मिलते हैं।
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ऑर्डर तैयार में देरी
जो एक्सपोर्टर विदेशी ब्रांड्स के लिए कपड़े तैयार करते हैं, उन्हें जरूरी सामान ना मिल पाने की वजह से ऑर्डर्स में देरी हो रही है। स्पेशल बटन, जिप और ब्रांडिंग टैग चीन से आयात होते हैं। वहींं कई इंटरनेशनल ब्रांड के टैग और ब्रांडिंग मटीरियल चीन से ही आते हैं। मैन्युफैक्चरर रूप कुमार के अनुसार चीन से आने वाला सामान काफी सस्ता है। देश का टेक्सटाइल छोटी सी सुई से लेकर फैब्रिक ग्लू तक पर भी चीन रपर निर्भर है। चीन से आना वाला सामान भारत में तैयार हो सकता है, लेकिन उसके लिए सरकार के सपोर्ट की भी काफी जरुरत है।