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रिपोर्ट के अनुसार इस उद्योग के वार्षिक 9 फीसदी की गति से बढऩे की संभावना है। संगठन ने देश के 24 प्रमुख शहरों में 130 रेस्टारेंटों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और 3500 उपभोक्ताओं के साथ बातचीत के आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार किया है।
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एनआरएआई के अध्यक्ष राहुल सिंह ने कहा कि रिटेल और बीमा उद्योग के बाद यह सेवा क्षेत्र का तीसरा बड़ा उद्योग है। यह फिल्म उद्योग की तुलना में तीन गुना, होटल उद्योग की तुलना में 4.7 गुना और दवा उद्योग की तुलना में 1.5 गुना बड़ा है।
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एनआरएआई के अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2018-19 में रेस्टोरेंट उद्योग में 73 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इस उद्योग ने वर्ष 2018-19 में 1800 करोड़ रुपए का कर चुकाया है।
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राहुल सिंह ने कहा कि अगर असंगठित फूड उद्योग को संगठित क्षेत्र का हिस्सा बना दिया जाये तो सरकार को चुकाये जाने वाले कर का आंकड़ा दोगुना हो सकता है। देश के पांच लाख से अधिक रेस्टोरेंट इस संगठन के सदस्य है।
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