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टिकटॉक का अमरीका में कितना है यूजर बेस
मौजूदा समय में टिकटॉक 150 से अधिक देशों में अभी भी एक्टिव है। जहां 100 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। अगर बात अमरीका की करें तो यहां 17.5 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। जबकि चीन में यूजर्स की संख्या करीब 20 करोड़ हैं। वहीं बात भारत करें तो बैन होने से पहले यहां पर टिकटॉक को 2019 के शुरूआती 11 महीनों में करीब 28 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका था। वहीं 12 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स थे। यानी डाउनलोड के मामले में भारत चीन और अमरीका दोनों से आगे था। खैर बात अमरीका की हो रही है तो यहां पर भी टिकटॉक के दिवानों की कोई कमी नहीं है। करोड़ों लोन काफी रुपया कमा रहे हैं।
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अमरीका में कितनी होती है कमाई
अगर बात रेवेन्यू की करें तो टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस को ज्यादा कमाई होती है। सालाना रेवेन्यू की बात करें तो भारत के मुकाबले अमरीका में बाइट डांस को 6 गुना से ज्यादा कमाई होती है। 2019-20 वित्त वर्ष में टिकटॉक की भारत में कमाई 100 करोड़ रुपए थी तो अमरीका में 650 करोड़ रुपए से ज्यादा की देखने को मिली थी। जबकि चीन से 2500 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अमरीका को खोना बाइटडांस के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है।
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तेजी से बढ़ रहा है ग्रोथ
रिपोर्ट की मानें तो भारत में बैन होने से पहले टिकटॉक का मार्केट ग्रोथ वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 8.4 फीसदी का ग्रोथ देखने को मिल रहा है। वहीं बात अमरीका की करें तो साल दर साल के आधार पर अमरीका में टिकटॉक का ग्रोथ 17.6 फीसदी देखने को मिला है, वहीं ब्राजील में 27.1 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल रही है। ऐसे में अमरीका में टिकटॉक बैन करने की घोषणा के बाद बाइटडांस का परेशान होना लाजिमी है।
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भारत में 45 हजार करोड़ का नुकसान तो अमरीका में कितना
भारत में टिकटॉक बैन होने के बाद चीनी मीडिया द ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट तमें आंकलन किया गया है कि भारत में टिकटॉक बैन होने के बाद 45 हजार करोड़ रुपए का नुकसान संभव है। अगर बात अमरीका की करें तो भारत को आधार बनाए और 17.8 फीसदी की ग्रोथ रेट को देखें तो अमरीका में टिकटॉक बैन होने पर करीब 3 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान हैै।