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नॉन कोर संपत्तियों का किया मूल्यांकन
वित्त मंत्रालय का डिपॉर्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ( DIPAM ) ने वड़ोदरा और अहमदाबाद स्थित दो गोल्फ कोर्स से पूंजी जुटाने के प्रयास में है। ये दोनों संपत्तियां ONGC की नॉन-कोर संपत्तियां हैं, यानी कंपनी इन संपत्तियों का इस्तेमाल सीधे तौर पर कमाई के लिए नहीं करती है। DIPAM बीते कुछ समय से जमीन और नॉन कोर एसेट्स की मूल्यांकन करने में जुटा हुआ है ताकि इनसे पूंजी जुटाया जा सके।
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बीपीसीएल की दो संपत्तियों पर भी नजर
विभाग ने कई अन्य पब्लिक सेक्टर कंपनियों की संपत्तियों का मूल्यांकन किया है। अन्य हाइड्रोकार्बन CPSE’s (सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) की बात करें तो इसमें चेंबुर और मुंबई स्थित भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ( BPCL ) का स्पोर्ट्स क्लब भी शामिल है। ओएनजीसी और बीपीसीएल की इन सुविधाओं का लाभ कर्मचारी व उनके परिवार उठाते हैं।
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पब्लिक सेक्टर में रिसोर्सेज का भरपूर इस्तेमाल करना चाहती है सरकार
DIPAM के अधिकार, नीति आयोग और पेट्रोलियम मंत्रालय समेत अन्य विभागों की बैठक में ओएनजीसी व बीपीसीएल की इन संपत्तियों को बेचने का फैसला लिया गया। बैठक में यह भी फैसला लिया गय है इससे जुटने वाली रकम को CPSE को ही दिया जाएगा क्योंकि सरकार का लक्ष्य है कि वो पब्लिक सेक्टर में अपने रिसोर्सेज का भरपूर इस्तेमाल कर सके।
बता दें कि देश के कई जगहों पर ओएनजीसी के गोल्फ कोर्स हैं। इनमें गुजरात के अंकलेश्वर में, आंध्र प्रदेश के राजाहमुंद्री में और असम में भी गोल्फ कोर्स हैं। अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद और वड़ोदरा स्थित गोल्फ कोर्स के लोकेशन की वजह से उन्हें चुना गया है। बीपीसीएल के चेंबुर स्थित स्पोट्र्स फैसिलिटी के लिए इस मापदंड को अपनाया गया था।
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