Jio Platforms में 11वां बड़ा Investment, Saudi PIF लगाएगी 11367 करोड़ रुपए
मेहता ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर कर बताया कि क्यों पीएसयू पर एजीआर बकाया उठाया गया और अदालत के समक्ष दलील दी गई कि चार लाख करोड़ रुपए के बिल का 96 फीसदी वापस लिया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि पीएसयू दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में नहीं हैं।
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पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत ने एजीआर मामले पर उसके पिछले साल के फैसले की आड़ में विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों से चार लाख करोड़ रुपए की मांग को उठाने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) को फटकार लगाई थी और उसके संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी दी थी।
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शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से दूरसंचार के बकाया राशि की मांग को वापस लिया जाना चाहिए। मेहता ने कहा कि पीएसयू दूरसंचार स्पेक्ट्रम ले रखे हैं। पीठ ने मेहता से पूछा कि सरकार ने विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों से मांग करने के फामूर्ले को तैयार करने के लिए एजीआर पर उसके फैसले का इस्तेमाल कैसे किया।
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पीठ ने कहा कि कई वर्षों तक कोई मांग क्यों नहीं की गई, जबकि फैसला आने के बाद मामले को उठाया गया। बता दें कि अक्टूबर 2019 में एजीआर के संबंध में फैसला आया था। पीठ ने कहा, पीएसयू के खिलाफ मांग पूरी तरह से अस्वीकार्य है।