इसी बात पर लाइफबॉय निर्माता ने डेटॉल पर 1 करोड़ रुपए का हर्जाने की मांग करते हुए केस कर दिया है। उनका कहना है एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनेटाइजर और बाकी प्रोडक्ट्स पानी उपलब्ध न होने पर इस्तेमाल किये जा सकते हैं। महामारी के वक्त में जनता को भ्रमित करने के लिए उन पर एक्शन की मांग की है।
जबकि Dettol निर्माता ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा है कि कंपनी ये प्रूव नहीं कर सकती कि विज्ञापन में दिखाया गया सोप उनकी कंपनी का है तो कोई केस नहीं बनता फिर भी डेटॉल ने अपने एड को दिखाना बंद कर दिया है।
डेटॉल के एड में साबुन को बेकार बताते हुए हैंडवॉश को कीटाणु खत्म करने में साबुन से 10 गुना बेहतर बताया गया था । इसी वजह से हिंदुस्तान लीवर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।