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यहां बनाया जाना था प्लांग
जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट का लेआउट सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किया गया था। इस प्लांट को न्योमा ब्लॉक के हान्ले लेह गांव के पास 5 हजार मेगावाट का प्लांट बनाना था, जो कि लेह जिला हेडक्वार्टर से 254 किमी दूर है। वहीं 2500 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जाना था, जांस्कर के सुरू गांव में बनाया जाना था।
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वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट की चिंताएं
वहीं दूसरी ओर वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट की ओर से कुछ चिंताएं जाहिर की गई हैं। वाइल्डलाइफ ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा है कि प्रोजेक्ट को लेह से 185 किमी दूर पैंग इलाके में बनाया जाए। न्योमा में सोलर प्लांट बनाने से वाइल्ड लाइफ को काफी नुकसान हो सकता है। इस पूरे इलाके को जीव-जंतुओं के सुरक्षित रखा गया है। प्लांट लगने के बाद लोगों की आवाजाही बढऩे से जीव जंतुओं का प्रजनन काफी प्रभवित होने की उम्मीद है।
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सेना ने भी की प्लांट शिफ्ट करने की सिफारिश
वहीं दूसरी ओर सेना ने भी न्योमा प्लांट को शिफ्ट करने की सिफारिश की है। डिफेंस जानकारों की मनें तो न्योमा लैंड फायरिंग रेंज में आती है। प्लांट लगने से सेना को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में उन्होंने शिफ्ट करने की सिफारिश की है।
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