बेटमा के ग्राम पीर पीपल्या गांव के मोहन सिंह बीएसएफ में थे। असम में पोस्टिंग के दौरान वे 31 दिसंबर 1992 में शहीद हो गए थे। उनका परिवार तब से ही कच्चे मकान में रह रहा था। उनकी हालत देख कुछ युवाओं ने अभियान शुरू किया और कुछ ही समय में मकान बनाने के लिए 11 लाख रुपए इकट्ठा कर लिए। इसके बाद युवाओं ने ही अपनी देख रेख में मकान बनवाया।
स्वतंत्रता दिवस और राखी एक साथ होने के चलते गुरुवार का दिन शहीद परिवार को मकान देने के लिए चुना गया था। सुबह पहले तो उनके घर पर तिरंगा फरहाया गया। इसके बाद शहीद मोहनसिंह की पत्नी राजूबाई से सभी ने राखी बंधवाई। इसके बाद युवकों ने नए घर तक अपनी हथेलियां बिछा दी। हथेलियों पर कदम रखवाते हुए शहीद की पत्नी को उनके नए घर में प्रवेश कराया। इस दौरान आसापास के इलाकों से भी ग्रामीण वहां पर पहुंचे थे।
सीएम कमल नाथ ने ट्वीट कर दी बधाई पत्रिका-न्यूज टुडे में खबर प्रकाशित होने के बाद सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट कर युवाओं को बधाई दी। सीएम ने लिखा है कि 27 वर्ष पूर्व शहीद हुए बीएसएफ के जवान मोहनसिंह सुनेर के परिवार के लिए जो अभाव में जीवन जी रहा था, युवाओं ने अभियान चलाकर राशी एकत्रित कर एक पक्के मकान का निर्माण कराकर एक जनसेवा की मिसाल पेश कर स्वतंत्रता दिवस व रक्षा बंधन के पर्व को सार्थक बनाया है। युवाओं के इस जज्बे को सलाम, उनका यह कार्य सभी के लिए प्रेरक है।
अभियान के नायक इस अभियान में मोहन नारायण, विशाल राठी, सोहनलाल परमार, सोहन गिरी, जीतू झलारिया, प्रकाश गौड़, चैतन्य भावसार, प्रमोद सक्सेना और उनके साथियों की मेहनत थी। यह लोग ने न सिर्फ रुपए जमा करने के लिए अलग-अलग इलाकों में घूमे, बल्कि मकान भी अपनी ही देखरेख में तैयार करवाया।