इंदौर

ऑनलाइन ऑर्डर के बाद ग्राहक तय कर सकेंगे डिलीवरी चार्ज, है न कमाल का ऑफर ? जानें कैसे

Amazing Offer : ग्राहक खुद तय कर सकेंगे अपना डिलीवरी चार्ज, ‘पीडब्ल्यूवायडब्ल्यू’ मॉडल से होगा फायदा। आईआईएम इंदौर ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी चार्ज पर स्टडी की है। नया मॉडल ग्राहक और कंपनी के लिए होगा फायदे का सौदा।

इंदौरJan 12, 2025 / 11:48 am

Faiz

Amazing Offer : सोचिए, आप ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर रहे हैं और आपको डिलीवरी चार्ज खुद तय करने का मौका मिलता है तो कैसा रहेगा ? क्या आप ऐसा करना पसंद करेंगे ? क्या कंपनियां इससे मुनाफा कमा सकती हैं ? इन्हीं सवालों का जवाब पता करने के लिए मध्य प्रदेश आईआईएम इंदौर के प्रो. हंसमुख गज्जर और प्रो. भाविन जे. शाह ने लखनऊ के प्रो. अरविंद श्रॉफ के साथ मिलकर एक नई रिसर्च की है जो ‘पे व्हॉट यू वॉन्ट’ (पीडब्ल्यूवायडब्ल्यू) मॉडल पर आधारित है। उन्होंने ये जानने की कोशिश की कि क्या पीडब्ल्यूवायडब्ल्यू मॉडल पारंपरिक मॉडल से बेहतर साबित हो सकता है?
ऑनलाइन फूड डिलीवरी अब हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। कुछ साल पहले तक हमें फूड डिलीवरी के लिए समय और मेहनत लगानी पड़ती थी, लेकिन अब सिर्फ एक क्लिक पर पसंदीदा खाना घर पहुंच जाता है। इंदौर में हर महीने 10 लाख से ज्यादा लोग ऑनलाइन फूड ऑर्डर करते हैं। यही नहीं, कंपनियां ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के लिए नई रणनीति भी अपना रही हैं। ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स का रेस्टोरेंट्स से कमीशन और ग्राहकों से डिलीवरी चार्ज ही कमाई का जरिया होता है। कई बार डिलीवरी चार्ज कुल ऑर्डर का 20 से 25 फीसदी तक होता है। इसको लेकर ग्राहक अक्सर असंतोष जाहिर करते हैं। कभी यह ज्यादा लगता है तो कभी गैरजरूरी, लेकिन अब पीडब्ल्यूवायडब्ल्यू मॉडल में ग्राहक खुद तय करेंगे कि डिलीवरी के लिए कितना भुगतान करना है।
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रिसर्च का उद्देश्य

आईआईएम इंदौर और लखनऊ के प्रोफेसरों की इस रिसर्च का उद्देश्य यह समझना था कि ग्राहक ऐसे मॉडलों पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे। शोध में यह बात सामने आई कि ग्राहक आम तौर पर डिलीवरी पार्टनर और रेस्त्रां की मदद करने के लिए उचित शुल्क चुकाने को तैयार रहते हैं।

कैसे काम करता है मॉडल ?

पीडब्ल्यूवायडब्ल्यू मॉडल में ग्राहक को ये आजादी होती है कि, वो डिलीवरी चार्ज खुद तय करे, लेकिन इसमें एक ट्विस्ट ये है कि डिलीवरी कंपनियां एक न्यूनतम शुल्क भी तय कर सकती हैं, ताकि पूरी प्रक्रिया संतुलित रहे। उदाहरण के तौर पर अगर किसी प्लेटफॉर्म ने 20 रुपए का न्यूनतम चार्ज तय किया तो ग्राहक 20 रुपए से ज्यादा भी दे सकते हैं, लेकिन इससे कम नहीं।
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ग्राहक को क्या फायदा होगा ?

-पसंद के मुताबिक भुगतान : ग्राहक को लगता है कि वो अपनी मर्जी से भुगतान कर रहा है, जिससे वो ज्यादा संतुष्ट होता है।
-जिम्मेदारी का अहसास : कई ग्राहक ज्यादा भुगतान करके रेस्त्रां और डिलीवरी पार्टनर की मदद करना चाहते हैं।

-खर्च का नियंत्रण : यदि ग्राहक ज्यादा भुगतान नहीं करना चाहते तो वह न्यूनतम शुल्क देकर भी सुविधा का लाभ ले सकते हैं।

कंपनियों को क्यों पसंद है ये मॉडल ?

-ज्यादा मुनाफा : रिसर्च में पाया गया है कि पीडब्ल्यूवायडब्ल्यू मॉडल से कंपनियों को पारंपरिक मॉडल की तुलना में ज्यादा लाभ हो सकता है।

-ग्राहकों का जुड़ाव : जब ग्राहक को आजादी मिलती है तो वो प्लेटफॉर्म से ज्यादा जुड़ाव महसूस करता है।
-न्यूनतम शुल्क का फायदा : कंपनियां न्यूनतम शुल्क तय करके फ्री राइडिंग (बिना भुगतान के सेवा लेना) जैसी समस्याओं से बच सकती हैं।

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प्लेटफॉर्म्स को कैसे मिलेगा फायदा ?

-न्यूनतम शुल्क से फ्री राइडिंग की समस्या खत्म होती है।

-ज्यादा ग्राहक जुड़ने से ऑर्डर और मुनाफा दोनों बढ़ते हैं।

आम आदमी को कैसे जोड़ेगा ये मॉडल ?

-आपकी मर्जी आपका शुल्क : ग्राहक को आजादी मिलती है कि वो डिलीवरी सेवा के लिए अपनी सुविधा के मुताबिक भुगतान करे।
-पारदर्शिता का अनुभव : ग्राहकों को अहसास होता है कि उन्हें किसी तय नियम में बांधा नहीं जा रहा।

-कम खर्च वाले ग्राहकों को मौका : जो लोग ज्यादा खर्च नहीं करते, उन्हें भी न्यूनतम शुल्क पर ये सेवा मिल जाती है।

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