रविवार को युवा उद्यमी अविनाश सेठी ने ऋषभदेव गौरव न्यास द्वारा रवीन्द्र नाट्यगृह में आयोजित चतुर्थ सम्मान समारोह के अवसर पर अपने सम्मान के प्रत्युतर में उक्त बात कहीं। उन्होंने कहा कि मैं जैन कुल में उत्पन्न हुआ यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। सामाजिक और शैक्षणिक उपलब्धियां तो बहुत छोटी चीज हैं। मेरे जीवन में सबसे बडा परिवर्तन तब हुआ जब हमारे घर में चैत्यालय बना एवं रामचन्द्र नगर मंदिर में पाठशालाएं चलती थी। एक हलचल मेला के लिए जब हम स्टाल की टिकिट बेचते थे तभी से हमारे अंदर विक्रय के गुण स्वयमेव ही आ गए । उसी प्रकार प्रवचन में कैसे लोगों को साधना एवं उन्हें बुलाना यह सब गुण मुझे वैसे ही मिल गए । 21 वर्ष के बाद जब इंदौर से बाहर निकला तो ज्ञात हुआ कि हमारे काम करने का तरीका बहुत अलग है। परिवार एवं समाज के साथ रहने के कारण मुझे जो शिक्षा मिली वे स्वयमेव मेरे अंदर उतरती चली गई। सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांवाद का जो फार्मूला है वह किसी भी उलझन में पडऩे से पहले ही हमें उस उलझन से उबार लेता है।
इस अवसर पर कुमारी नित्यता जैन ने स्पोटर्स की फील्ड को इस पुरस्कार में जोडऩे एवं उन्हें सम्मानित करने के लिए न्यास के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि आगे भी वे इसी प्रकार समाज को गौरवान्वित करने का प्रयास करती रहेगी। सुमन जैन ने अपने सम्मान के उत्तर में कहा कि समता, ममता और क्षमता की त्रिवेणी नारी समाज का अभिन्न अंग है। समाज की प्रतिभा को निखारना एवं उन्हें हर संभव सहयोग देना हमारा ध्येय है। समाज की उन्नति, धर्म के प्रति आस्था ही हमारी प्रगति का आधार है। यह मेरा नहीं अपितु संपूर्ण दिगम्बर जैन महिला संगठन का सम्मान है। कार्यक्रम का प्रारंभ उषा पाटनी के मंगलाचरण एवं कुमारी पावन जैन के मंगल नृत्य से हुआ। समारोह स्वस्तिश्री पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामी की अध्यक्षता एवं पं रतनलाल जैन शास्त्री के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। सारस्वत अतिथि के रूप में कुलपति नरेन्द्र धाकड़, डॉ सविता जैन, अधिष्ठात्री शीतलतीर्थ, रतलाम, शोभित जैन न्यायमूर्ति जै के जैन, संजय व्यास एवं डॉ जीवनप्रकाश जैन, हस्तिनापुर उपस्थित थे। डॉ अनुपम जैन ने न्यास की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। प्रशस्ति पत्रों का वाचन पं जयसेन जैन, डॉ संगीता विनायका, अम्बुज जैन, जैनेश झांझरी एवं नीलेश जैन ने किया।
इनको किया सम्मानित
निर्णायक मंडल के संयोजक न्यायमूर्ति जे के जैन ने निर्णायक मंड़ल के निर्णयों की घोषणा की जिसके अनुसार समाज सेवा के क्षेत्र में वर्ष 2017 एवं 2018 के सम्मान मनोहर सिंह एवं मान सिंह (सेवा संस्कार केन्द्र) तथा सुमन जैन, संस्थापक अध्यक्ष दिगंबर जैन महिला संगठन तथा जैन युवा गौरव सम्मान के लिए इंफबिन्स लिमिटेड के संस्थापक सिद्धार्थ सेठी एवं अविनाश सेठी तथा नित्यता जैन को चयनित किया गया। इस अवसर पर एम सी सत्भैया को गौरव की उपाधि से सम्मानित किया। स्वस्तिश्री रवींद्रकीर्ति स्वामी को जैन धर्म गौरव की उपाधि से सम्मानित किया। अभा जैन महिला सम्मेलन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए डॉ संगीता विनायका, ममता खासगीवाला, सुरेंद्र बाकलीवालआदि को सम्मानित किया। छात्र सम्यक जैन, वैदिक पापड़ीवाल, अनिमेष जैन का सम्मान उच्च अंक लाने पर किया।
निर्णायक मंडल के संयोजक न्यायमूर्ति जे के जैन ने निर्णायक मंड़ल के निर्णयों की घोषणा की जिसके अनुसार समाज सेवा के क्षेत्र में वर्ष 2017 एवं 2018 के सम्मान मनोहर सिंह एवं मान सिंह (सेवा संस्कार केन्द्र) तथा सुमन जैन, संस्थापक अध्यक्ष दिगंबर जैन महिला संगठन तथा जैन युवा गौरव सम्मान के लिए इंफबिन्स लिमिटेड के संस्थापक सिद्धार्थ सेठी एवं अविनाश सेठी तथा नित्यता जैन को चयनित किया गया। इस अवसर पर एम सी सत्भैया को गौरव की उपाधि से सम्मानित किया। स्वस्तिश्री रवींद्रकीर्ति स्वामी को जैन धर्म गौरव की उपाधि से सम्मानित किया। अभा जैन महिला सम्मेलन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए डॉ संगीता विनायका, ममता खासगीवाला, सुरेंद्र बाकलीवालआदि को सम्मानित किया। छात्र सम्यक जैन, वैदिक पापड़ीवाल, अनिमेष जैन का सम्मान उच्च अंक लाने पर किया।
पुरस्कार राशि से गरीब को सहायता
सम्मानित मनोहरसिंह एवं मानसिंह ने अपनी सम्मान राशि ग्रामीण अंचल के गरीब एवं बीमार व्यक्तियों की चिकित्सा एवं अन्य सहायता के लिए सेवा संस्कार केन्द्र, इंदौर को समर्पित की। सुमन जैन ने अपनी राशि एवं स्वयं अपनी ओर से राशि मिलाकर न्यास की गतिविधियों के संचालन के लिए दी। सिद्धार्थ सेठी एवं अविनाश सेठी ने भी अपनी राशि न्यास को ही सधन्यवाद प्रत्यार्पित कर दी।
सम्मानित मनोहरसिंह एवं मानसिंह ने अपनी सम्मान राशि ग्रामीण अंचल के गरीब एवं बीमार व्यक्तियों की चिकित्सा एवं अन्य सहायता के लिए सेवा संस्कार केन्द्र, इंदौर को समर्पित की। सुमन जैन ने अपनी राशि एवं स्वयं अपनी ओर से राशि मिलाकर न्यास की गतिविधियों के संचालन के लिए दी। सिद्धार्थ सेठी एवं अविनाश सेठी ने भी अपनी राशि न्यास को ही सधन्यवाद प्रत्यार्पित कर दी।