रालामंडल, चोरल सहित कई इलाकों में तेंदुए की चहल-कदमी कई बार देखी जा चुकी है। कुछ माह पहले ही एक तेंदुआ खंडवा रोड इलाके में उत्पात मचा चुका है। अभी रालामंडल में ही दो तेंदुए लगातार कर्मचारियों को नजर आते हैं। इसके अलावा इंदौर डिविजन में बड़ी संख्या में हायना, बार्किंग डीयर, चीतल, नीलगाय, ब्लैक बग जैसे वन्यजीव भी हैं। इनकी गणना के लिए वन विभाग की टीमें 1 से 7 दिसंबर तक जंगलों में जाकर सर्वे करेंगी। टीमें जंगलों के उन स्थानों तक पहुंचेंगी।
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बाधा नहीं बनेगा कमजोर नेटवर्क
इससे पहले वन्यजीवों की गणना 2018 में हुई थी। तब जानकारी सिर्फ कागजों पर जुटाई गई थी। इस बार सर्वे एम स्ट्राइक इकोलॉजिकल ऐप से होगा। जंगलों में कई स्थानों पर मोबाइल नेटवर्क कमजोर या फिर बिलकुल भी नहीं है। इन स्थानों पर भी यह ऐप एक्टिव रहेगा। वनकर्मी बगैर नेटवर्क वाले स्थान पर फुटप्रिंट, लोकेशन स्कैन करेंगे और नेटवर्क मिलते ही यह जानकारी स्कैन किए हुए समय पर ही ऐप में दर्ज हो जाएगी।