ये भी पढें -JEE Mains में बड़ा बदलाव : कोरोना में दी गई छूट खत्म, सभी प्रश्न करने होंगे हल बता दें कि पहले तो उन्हें ठगों ने फर्जी अधिकारी बन विभिन्न कार्रवाई का डर दिखाया। कई घंटे वे फर्जी अधिकारी की प्रताडऩा झेलते रहे। बाद में उन्होंने बड़ी सूझबूझ से पत्नी और साइबर एक्सपर्ट की मदद से वारदात को नाकाम कर दिया।
पीडि़त की कहानी, उसी की जुबानी- धनराज पाटीदार
शनिवार सुबह करीब 9.30 बजे प्लस 87 नंबर से कॉल आया और कहा कि हम ट्राई से बात कर रहे हैं आपके सारे नंबर जल्द ब्लॉक होने वाले हैं। यदि कस्टमर सर्विस से बात करना है तो जीरो दबाएं। बात करने वाली महिला ने बताया कि आपके आधार कार्ड से जो सिम रजिस्टर है वह संदिग्ध पाई गई है। मुंबई क्राइम ब्रांच इस पर नजर रख रही है, जल्द इन नंबर को ब्लॉक करेंगे। कुछ समझ पाता, इतने में उनका कॉल मुंबई क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर करने की बात कही गई। ये भी पढें -देश में पहली बार 3 मिनट में परीक्षा परिणाम घोषित, AI तकनीक से नई शुरुआत फर्जी पुलिस अधिकारी बात करने लगा। वाट्सऐप वीडियो कॉल उठाने की बात कही। बड़ी सभ्यता से अधिकारी बताने लगा कि आपके मोबाइल नंबर की शिकायत आई है। आपके नाम रिपोर्ट दर्ज हुई है तत्काल आपको मुंबई आना पड़ेगा।
फर्जी अधिकारी से पूछा कि वहां न आने के लिए क्या करना होगा। जवाब मिला कि यदि आप नहीं आओगे तो वहां आकर अरेस्ट करेंगे। इस बीच ठगों ने ट्राई का नोटिस, सीबीआइ लेटर, आरबीआइ लेटर पीडीएफ वाट्सऐप पर भेज दी। सभी पर सील साइन लगी थी। ठग कार्रवाई का डर दिखाने लगे कि तत्काल किसी होटल के कमरे में जाओ और वहां से बात करो। सुनते ही राऊ स्थित होटल पहुंचा। दोस्त की मदद से कमरा लिया और ठगों के बताए अनुसार अरेस्ट(Digital Arrest) हो गया।
फर्जी अधिकारी से पूछा कि वहां न आने के लिए क्या करना होगा। जवाब मिला कि यदि आप नहीं आओगे तो वहां आकर अरेस्ट करेंगे। इस बीच ठगों ने ट्राई का नोटिस, सीबीआइ लेटर, आरबीआइ लेटर पीडीएफ वाट्सऐप पर भेज दी। सभी पर सील साइन लगी थी। ठग कार्रवाई का डर दिखाने लगे कि तत्काल किसी होटल के कमरे में जाओ और वहां से बात करो। सुनते ही राऊ स्थित होटल पहुंचा। दोस्त की मदद से कमरा लिया और ठगों के बताए अनुसार अरेस्ट(Digital Arrest) हो गया।