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वीडियो में महिला ने बयां किया दर्दब्लैक फंगस बीमारी से अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे पति को इलाज न मिल पाने से दुखी पत्नी ममता ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा करते हुए प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वीडियो बनाने वाली महिला का नाम ममता मंडलोई है जो कि धामनोद की रहने वाली हैं और उनके पति को म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के कारण इंदौर के बॉ़म्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वीडियो में ममता कह रही हैं- ‘ये वीडियो इंदौर प्रशासन के लिए है। कलेक्टर, स्वास्थ्य मंत्री और माननीय मुख्यमंत्री जी! हम अस्पताल में भर्ती हैं, ब्लैक फंगस के इलाज के लिए। और हमें इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। बहुत खराब हालत है। यहां किसी भी तरह का कोई इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। जैसा आपने एक परिपत्र जारी किया था कि इंजेक्शन सीधे अस्पतालों को उपलब्ध करवाए जाएंगे, लेकिन पिछले कुछ दिनों ने वह भी उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। अस्पताल के साथ-साथ हम बाहर भी भटक रहे हैं। हर चीज की व्यवस्था हमें ही करना पड़ रही है। हमारे मरीज की दिन-ब-दिन हालत खराब होती जा रही है। आपके लिए 10-12 घंटे, 24 घंटे एक समय होता है, लेकिन हमारे लिए वह जिंदगी और मौत होती है। किसी भी वक्त शरीर के किसी भी अंग पर फंगस अपना प्रभाव डाल सकता है। वह आंख में है फिर दिमाग है। कुछ भी असर हो सकता है। आंख जा सकती है। दिमाग को फंगस खा सकता है, जिससे बॉडी पैरालाइज हो सकती है। आप मामले की गंभीरता को समझें और जितना जल्दी हो सके, अस्पतालों में इंजेक्शन उपलब्ध करवाएं। ताकि मरीज की जान बच सके। मरीज जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहा है। आपके लिए समय की कीमत कुछ और होगी, लेकिन हमारे लिए समय की कीमत जिंदगी और मौत। आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि जितनी जल्दी हो सके, अस्पताल को इंजेक्शन उपलब्ध करवाएं। ममता ने आगे कहा कि कंपनी में बात करने पर वे कह रहे हैं कि प्रोडक्शन हो गया है। माल यहां से निकल गया है। जब इंजेक्शन कंपनी से निकल गए हैं तो फिर बीच में इंजेक्शन जा कहां रहे हैं। माननीय कलेक्टर, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री महोदय, आप प्लीज इसे हल्के में ना लें। इसे गंभीरता से लेते हुए अस्पताल में इंजेक्शन उपलब्ध करवाएं। मैं बॉम्बे अस्पताल से बोल रही हूं। मेरे 40 साल के पति के आंख में दर्द है, जबड़ों में भी दर्द हो रहा है। इस हालात में मैं उन्हें कहां लेकर जाऊं। इंजेक्शन न तो अस्पताल में मिल रहे हैं और न ही बाहर मिल रहे हैं। मेरे पास अब क्या रास्ता है। उनको तिल-तिल तड़पता हुआ मैं नहीं देख सकती। मुझे बताइए कि क्या करना है? अगर आज इंजेक्शन नहीं मिले तो अस्पताल की छत से कूद कर आत्महत्या कर लूंगी। मेरे पास अब और कोई रास्ता नहीं, बचा है। यहां जितने मरीज भर्ती हैं, उनके परिवार वालों की मानसिक स्थिति ऐसी ही है। ममता ने रोते हुए कहा कि स्थिति खराब है एंटी फंगल इंजेक्शन उपलब्ध करवाओ भाई, बाद में कमा लेना यार…जिंदगी पड़ी है कमाने के लिए। कफन में जेब नहीं होती है। इस प्रकार से ब्लैक मार्केटिंग करके घर मत भरो। भगवान को जवाब देना पड़ेगा। कहां जाओगे इतना पाप लेकर अपने माथे पर लेकर? प्लीज ब्लैक मार्केटिंग जैसी बीच में कोई चीज मत करना। अस्पताल में प्रोवाइड करवा देना। सबकी जान जान होती है। ऐसा कुछ मत करना कि माल गायब कर देते हैं। गोदाम में छिपा लेते हो। ऐसा कुछ मत करो। किसी की बददुआ मत लो। अस्पताल तक इंजेक्शन पहुंचने दो। आपके आगे हाथ जोड़ती हूं। प्रशासन से निवेदन है कि जल्द से जल्द इंजेक्शन उपलब्ध करवाएं, ताकि इलाज शुरू हो सके। किसी की आंख ना जाए, किसी के दिमाग में नहीं जाए।’