नगर निगम चुनाव परिणाम आए 15 दिन हो गए हैं। 25 जुलाई को पुष्यमित्र भार्गव के महापौर चुने जाने का गजट में नोटिफिकेशन भी हो गया। उसके मुताबिक 15 दिन में सभापति सहित महापौर और पार्षदों को शपथ लेना है। उस हिसाब से अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भार्गव व पार्षदों को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मौजूदगी में शपथ दिलाई जाएगी तो अब जल्द ही सभापति और एमआईसी के सदस्यों का भी चयन होना है। भाजपा के हलकों में इसको लेकर गतिविधि तेज हो गई है।
सभापति किसको बनाया जाए, इसको लेकर अंदरखाने नाम पर विचार किया जा रहा है। ऐसे नाम की तलाश की जा रही है, जो सबसे पहले नगर निगम की गतिविधियों का जानकार हो। दूसरा, गंभीर व वरिष्ठ होने के साथ में मजबूत भी हो। जिसके बोलने का भाजपा तो ठीक कांग्रेस के पार्षद भी सम्मान करें। इसके साथ में पार्टी सोशल इंजीनियरिंग भी कर सकती है। इन सभी पैमानों पर चंद नाम ही निकलकर सामने आ रहे हैं, जिसमें सबकी निगाह एक और दो नंबर विधानसभा पर ही जाकर टिक रही है। उन नामों को लेकर भाजपा की कोर कमेटी जल्द ही बैठने जा रही है।
विधानसभा-2
वहीं, बात करें दो नंबर विधानसभा की तो यहां से पूर्व में भी सभापति रहे राजेंद्र राठौर बड़ा नाम हैं, जिस पर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय दांव खेलेंगे। ऐसा करके वे परिषद पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश करेंगे। दूसरा नाम मुन्नालाल यादव का है, लेकिन उतना गंभीर नहीं है। वहीं, विधायक रमेश मेंदोला की चली तो वे सुरेश कुरवाड़े का नाम सामने रख सकते हैं।
विधानसभा-5
उक्त दोनों ही विधानसभा से गेंद बाहर जाती है तो पांच नंबर में राजेश उदावत के नाम पर विचार किया जा सकता है। सारे पैमानों पर वे फिट बैठते हैं, लेकिन ये बात है कि विधायक महेंद्र हार्डिया की कमेटी में कितनी चलती है।