bell-icon-header
इंदौर

3 साल से चल रहा था वोटर आईडी आयुष्मान का फर्जीवाड़ा

मतदाता परिचय पत्र, आयुष्मान कार्ड बनाने वाले दो गिरफ्तार

इंदौरAug 13, 2021 / 12:52 pm

Hitendra Sharma

इंदौर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की तरह इंदौर में भी ऐसा मामला सामने आया। यहां 3 साल से अवैध तरीके से वोटर आईडी कार्ड, आयुश्मान कार्ड बनाए जा रहे थे। कलेक्ट्रेट के दलाल ग्राहक फंसाकर हवा बंगला स्थित फोटोकॉपी दुकान संचालक नरेंद्र सिससाठठ तक आवेदन भेजते थे। नरेंद्र यह जानकारी शित्र सिटी निवासी ग्रह्मानंद उर्फ प्रदीप शर्मा को भेजता था। बरह्मानंद वोटर आइडी 15 मिनट में बनाता था।

Must See: निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक कर बनाए 10 हजार फर्जी वोटर आइडी

आशंका है कि आरोपी ने आयोग की वेबसाइट में सेंध लगाकर या समानांतर लिंक से कार्ड बना रहे थे। द्वरकापुरी पुलिस ने इलेक्शन सुपर वाइजर जितेंद्र चौहान की शिकायत पर नरेंद्र सिरसाठ और ब्रह्मानंद ऊर्फ प्रदीप शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया है। एसडीएम प्रतुल सिन्हा को नरेंद्र के पास दो वोटर आइडी मिले। एक खरगोन जिले का, दूसरा राऊ क्षेत्र का है। नरेंद्र ने 26 कार्ड बनवाए थे।

Must See: प्रदेश में 4 हजार किमी सड़कें हुई छलनी, लोग परेशान

निर्वाचन आयोग की फर्जी लिंक और डोंगल, ब्रह्मानंद ने बताया आयुष्मान कार्ड, आधार करेक्शन व अन्य दस्तावेज बनाने का काम कॉमन सर्विस सेंटर से करता है। मुझे एक लिंक पर 600 रुपए देने पर एक डोंगल, यूजर आइडी व पासवर्ड मिला है। इससे दस्तावेजों में आसानी से बदलाव किया जा सकता है। इसके लिए उसने अलग-अलग फोटोकॉपी की दुकान व एजेंट को लगा रखा है। वह कार्ड में नाम-पता बदलकर नरेंद्र को भेज देता था। कलर प्रिंट निकालकर लेमिनेट कर डिलीवर कर देता था। डोंगल के बारे में जानकारी नहीं दी, क्योंकि ऐसे डोंगल एसडीएम स्तर के अधिकारी के पास होते हैं। एसडीएम ने निर्वाचन विभाग में जांच करवाई, लेकिन यहां न आवेदन मिले और न ही किसी के डोंगल के गुम होने की जानकारी मिली।

Must See: प्रधानमंत्री मोदी ने अनूपपुर की महिला को सिखाए मार्केटिंग के गुर

ऐसी है कहानी
एक महिला ब्रुधवार शाम एसडीएम के दफत्तर में वोटर आइडी कार्ड लेकर पहुंची। शका होने पर पूछा तो फोटोकॉपी दुकान का पत्म चला। एसडीएम ने तत्काल नरेंद्र सिरसाठ को बुलवा लिया। उसने कहा कि दस्तावेज ग्रह्मानंद बनवाता है। बदले में 50 रुपए मिलते हैं। प्रदीप को पकड़ा गया लो उसने कह्पनी बया की।

एसे हुआ शक
– वोटर आइडी कार्ड पर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के रूप में अन्य अधिकारी के हस्ताक्षर मिले।
– निर्वाधक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की जगह निर्वाधक पंजीकरण लिखा था।
– वोटर कार्ड का लेमिनेशन था, जबकि अब ऐसे कार्ड नहीं चलते।

Hindi News / Indore / 3 साल से चल रहा था वोटर आईडी आयुष्मान का फर्जीवाड़ा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.