ये बात कल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में कही। नड्डा का व्यवहार राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह रूआबदार ना होते हुए दोस्त या अभिभावक की तरह था, जिसने प्रदेश के नेताओं को दिल जीत लिया। नड्डा ने संगठन और नेताओं को मजबूत रहने के कई गुर भी सिखाए। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि हम पार्टी के नेता हैं और पब्लिक फेस भी हैं। पोलिंग बूथ पर मन की बात सुनते हैं। देश के प्रधानमंत्री बोल रहे हैं और हम सुन रहे हैं। आपको देखकर बाकी लोग भी देखने लगते हैं।
इस पर उन्होंने एक सवाल दागते हुए कहा कि कितने लोग हैं, जो खुलकर अपनी बात किसी के सामने करते हैं? इस पर कुछ लोगों ने कहा कि पूरी बात नहीं करते हैं। जब अपने आप में खुलकर बात नहीं करते हैं तो लोगों से ?या बात करेंगे। हमको सकारात्मक रहना चाहिए और बात भी वही करना चाहिए। इसके अलावा पदाधिकारियों को एक सीख और दे डाली। कहना था कि इस फेर में ना पड़ें कि आपके कार्यकाल को कोई याद करेगा। आप अच्छा काम करो, जिसकी आत्म संतुष्टि होनी चाहिए। आप ये मत सोचो की कोई सर्टिफिकेट देने आएगा।
दलित परिवार में जाते हो?
नड्डा ने प्रदेश पदाधिकारियों से सवाल किया कि क्या हम दलित परिवारों में जाते हैं… जाते हैं तो कितना मन से जाते हैं? खुद का उदाहरण देते हुए वे बोले कि मैं जब विधायक था, तब जाता था। लोग बोलते थे कि भाजपा को वोट देंगे लेकिन आपको विशेष तौर पर देंगे। परिवारों को व्यक्तिगत जोडऩे की कोशिश करें। दो माह, छह माह और दो साल भी लग सकते हैं लेकिन एक समय आएगा, जब परिवार व समाज का आप दिल जीत पाओगे। आपको समझने के बाद बदलाव होगा, तभी हम सभी को छू पाएंगे। आप लोग जाते हैं तो अच्छी बात है, नहीं तो जाना आना शुरू करें। इससे आपके साथ में संगठन की छवि और पकड़ मजबूत होगी।
नड्डा ने प्रदेश पदाधिकारियों से सवाल किया कि क्या हम दलित परिवारों में जाते हैं… जाते हैं तो कितना मन से जाते हैं? खुद का उदाहरण देते हुए वे बोले कि मैं जब विधायक था, तब जाता था। लोग बोलते थे कि भाजपा को वोट देंगे लेकिन आपको विशेष तौर पर देंगे। परिवारों को व्यक्तिगत जोडऩे की कोशिश करें। दो माह, छह माह और दो साल भी लग सकते हैं लेकिन एक समय आएगा, जब परिवार व समाज का आप दिल जीत पाओगे। आपको समझने के बाद बदलाव होगा, तभी हम सभी को छू पाएंगे। आप लोग जाते हैं तो अच्छी बात है, नहीं तो जाना आना शुरू करें। इससे आपके साथ में संगठन की छवि और पकड़ मजबूत होगी।
सोशल मीडिया पर भी रखें फोकस ऑनलाइन के दौर में सोशल मीडिया का खासा महत्व है, जिस पर नड्डा ने फोकस किया। कहा कि किसी नेता के साथ फोटो या आयोजन में फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डालते हैं, क्या ये सही है? हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर पार्टी के बड़े नेता क्या ट्वीट कर रहे हंै, उसे री ट्वीट भी करना चाहिए ताकि पार्टी की बात आप अपने स्तर से भी नीचे तक पहुंचा सके। इससे सत्ता व संगठन ने क्या बोला, ये बात आपको भी मालूम रहेगी। जब आपको ही मालूम नहीं रहेगी तो जनता को क्या बताएंगे? उन्होंने सवाल करते हुए पूछ लिया कि कितने लोग हैं, जो सोशल मीडिया को खुद हैंडल करते हैं। कई नेता सकपका गए। आप करते हैं तो अच्छी बात है लेकिन दूसरा करता है तो विषय आपकी नजर से गुजरना चाहिए या आपके कंटेट होना चाहिए।
शिवराज की प्रशंसा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की नड्डा ने जमकर प्रशंसा की। कहना था कि आज मैं देख रहा था कि शिवराज जैसे ही मंच पर चढ़े व उतरे तो जनता मामा-मामा बोल रही थी। जा रहे थे तो दौड़ लगा रही थी। शिवराजजी ने विश्वसनीयता का उदाहरण पेश किया। ये इतनी जल्दी नहीं बनती है। उसके लिए तपस्या करनी पड़ती है।
शर्मा की थपथपा गए पीठ बैठक शुरू होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बूथ विस्तारक अभियान व समर्पण निधि संग्रह का वृत्त दिया। अभियान में बताया कि ६५ हजार बूथ पर पार्टी पहुंची तो समर्पण अभियान में १५० करोड़ का लक्ष्य रखा है, जिस पर धन संग्रह हो रहा है। माइक्रो फंडिंग व कमल पुष्प में और काम करने की बात कही। ये सारी बात सुनकर नड्डा ने शर्मा की जमकर पीठ थपथपाई। कहना था कि मध्यप्रदेश संगठन का प्रदेश है, जहां से कुशाभाऊ ठाकरे ने देश को रास्ता दिखाया।