सांसद शंकर लालवानी ने योजना में इंदौर के शामिल होने की पुष्टि की है। केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने अगले तीन साल में देशभर में 300 वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की हैं। पहले साल 100 ट्रेनें चलेगी। पिछले दिनों इंदौर आए रेलवे जीएम अनिल कुमार लाहोटी ने भी इंदौर से ट्रेन चलाने के संकेत दिए थे।
रतलाम से अधिक स्पीड का मिलेगा ट्रैक
वंदे भारत ट्रेन को इंदौर से चलाने में एक साल का समय लगेगा, क्योंकि इसकी गति सामान्य ट्रेनों से ज्यादा होती है। गति के हिसाब से ट्रैक होना जरूरी है। इंदौर-देवास-उज्जैन दोहरीकरण का ट्रैक इस ट्रेन के लिए अनुकूल है। 110 किलोमीटर प्रतिघंटा ट्रैक की क्षमता है। इस पर 130 से 140 किलोमीटर तक स्पीड हो सकती है। वंदे भारत 180 तक की हाइस्पीड पर चल सकती है। रतलाम से ट्रेन को और अधिक स्पीड का ट्रैक मिल जाएगा। दोहरीकरण का काम पूरा होने में एक साल लगेगा तो ट्रेन के प्रोडक्शन में भी इतना ही समय लगेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि एक साल में शहर को यह सौगात मिलेगी।
वंदे भारत की खासियत
-इंजन रहित ट्रेन
-ऑटोमैटिक दरवाजे
– सीसीटीवी
– एसी कोच
– रिवॉल्विंग चेयर
– टिकट में भोजन शामिल
-स्टेशनों की सूचना प्रसारण
-हर सीट पर चार्जिंग
-टच फ्री बाथरूम
– माड्यूलर रैक
-भोजन ठंडा-गरम करने की सुविधा
इंदौर से मुंबई – दिल्ली का प्रस्ताव
यात्रियों की इंदौर से मुंबई और दिल्ली के लिए डिमांड ज्यादा है। दोनों बड़े शहरों से कनेक्टिविटी भी जरूरी है। रेलवे ने दिल्ली के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलाई है। ऐसे में वंदे भारत ट्रेन से इंदौर की दो बड़े शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी होने के साथ ही यात्रियों को ए क्लास की सुविधा मिलेगी। सांसद ने जो प्रस्ताय रेलवे को सौंपा है, उसमें मुंबई- दिल्ली शामिल हैं। वर्तमान में दो वंदे भारत ट्रेन दिल्ली से वाराणसी और दिल्ली से कटरा की ओर चल रही है।
शंकर लालवानी, सांसद का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन योजना में इंदौर का नाम शामिल है। हमने इंदौर से दिल्ली-मुंबई के लिए ट्रेन का प्रस्ताव दिया था, जिसे सरकार ने शामिल किया है। कोच निर्माण का काम चल रहा है। कोरोना में निर्माण प्रभावित हुआ था। अब तीन कंपनियां काम कर रही हैं। ट्रेन चलने में एक साल लग सकता है।
15 फरवरी 2019 को शुरू हुई थी वंदे भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी, 2019 को वंदे भारत एक्सप्रेस को राष्ट्र को समर्पित किया था, और इसने दो दिन बाद नई दिल्ली से वाराणसी तक अपने वाणिज्यिक संचालन की शुरुआत की थी. यह नई दिल्ली और वाराणसी के बीच की दूरी आठ घंटे में तय करती है. सोमवार और गुरुवार को छोड़कर सप्ताह के सभी दिनों में इसका संचालन होता है।