आरना की मां सिविल इंजीनियर परिवीक्ष मिश्रा सिंगल मदर हैं। वे बताती हैं कि बचपन से ही आरना को मोबाइल-टीवी की दुनिया से दूर रख किताबों से जोड़ा एक बार में सीख जाती, भूलती नहीं। मां परिवीक्ष बताती हैं, आरना की याद्दाश्त इतनी तेज है कि एक बार सीखने के बाद वह उसे नहीं भूलती।
उसकी इस प्रतिभा को सही दिशा देने के लिए उसे बचपन से ही शैक्षणिक खेल और किताबों के जरिए सीखने का माहौल दिया। स्मार्ट-इंटेलिजेंट बनाने के लिए सही तरीके अपनाए। उसका दिमाग चीते की तरह तेज है।